सड़क सुरक्षा के प्रति लोगों को खुद बनना होगा सजग- एनआरएससी मुआवजा एवं जमीन का नेचर तय करने का अधिकार राज्य सरकार के अधीन, बाजार दर से 4 गुना मुआवजा देती है एनएचएआई

दिवाकर तिवारी,

रोहतास। खबर बिहार के रोहतास जिले से है। जहां राष्ट्रीय सड़क सुरक्षा परिषद के सदस्य रविंद्र तिवारी ने राष्ट्रीय राजमार्ग पर हो रहे सड़क दुर्घटनाओं पर खेद प्रकट किया है। उन्होंने कहा कि सड़क सुरक्षा जैसी बातें सिर्फ कागजों तक ही सीमित हो गई है। सड़क सुरक्षा के प्रति सजग होने के लिए आम लोगों को अब खुद आगे आना होगा। क्योंकि जान माल का नुकसान आम लोगों को उठाना पड़ता है। प्रशासनिक अधिकारियों को इससे कोई फर्क नहीं पड़ता। इसलिए आम लोगों को सुरक्षा के प्रति खुद सजग रहते हुए सड़क सुरक्षा के नियमों का इमानदारी पूर्वक अनुपालन करना चाहिए तथा अधिकारियों को अपनी जनता के प्रति संजीदा होना चाहिए। सासाराम के सर्किट हाउस में प्रेस वार्ता को संबोधित करते हुए रविंद्र तिवारी ने कहा कि माननीय नितिन गडकरी के नेतृत्व में भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकार ने देश में सड़कों का जाल बिछा दिया है तथा इस विकास कार्य में स्थानीय आम लोगों की सीधी भागीदारी सुनिश्चित करने का प्रयास किया जा रहा है। वहीं सड़क निर्माण में हो रही लेटलतीफी एवं मुआवजे के सवाल पर उन्होंने कहा कि मुआवजा निर्धारण एवं जमीन का नेचर तय करने का अधिकार राज्य सरकार को है। एनएचएआइ लोगों को बाजार दर से 4 गुना मुआवजा देती है। लेकिन राज्य सरकार अपने रैयतों का बाजार दर निर्धारित नहीं करती है तथा अपने रैयतों से राजस्व लेने के बावजूद भी उनके जमीन को गैरमजरूआ घोषित करती है। जिससे विवाद उत्पन्न होते हैं जो काफी दुर्भाग्यपूर्ण है। जबकि टोल गेट पर जाम की समस्या पर उन्होंने कहा कि अगर टोल गेट पर किसी वाहन को 5 मिनट से ज्यादा रुकना पड़ता है तो इसके लिए टोल प्रबंधन पूरी तरह जिम्मेवार है। टोल प्रबंधन की लापरवाही से अगर किसी को लेट होता है तो हाईवे बनाने का कोई फायदा नहीं। इसलिए अगर ऐसी शिकायतें आती है तो आवश्यक रूप से कार्रवाई होगी। साथ हीं उन्होंने राष्ट्रीय राजमार्ग के दोनों तरफ पेड़ लगाए जाने की भी बात कही। उन्होंने बताया कि जिले के 44 किलोमीटर के दायरे में लगभग 45000 पेड़ लगाए जाएंगे। जिसकी शुरुआत हो चुकी है।

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