कृषि विज्ञान केन्द्र द्वारा की गई धान की सीधी बुवाई l

दिवाकर तिवारी,

रोहतास। जिले के कृषि विज्ञान केंद्र बिक्रमगंज द्वारा धान की सीधी बुवाई दो विधियों से कराई जा रही है। जब बरसात नहीं हो रही थी, उस समय खेतों की जुताई करने के बाद लेवलर के माध्यम से लेवल किया गया। तत्पश्चात मल्टी क्राप मशीन द्वारा धान की सीधी बुवाई की गई। इस विधि में कदवा एवं रोपनी की आवश्यकता नहीं होती, सीधे धान को खेतों में गिराया जाता है। वर्तमान में इस विधि से कृषि विज्ञान केंद्र के धनगाई फार्म में धान लगाया गया है। जो अब 25- 30 दिनों का हो चुका है तथा इसके अवलोकन हेतु कृषक धनगाई फार्म का भ्रमण भी कर रहे हैं। बता दें कि वर्तमान में अधिक वर्षा वाली स्थिति के कारण नमी की अवस्था खेत में बनी हुई है। ऐसे में ड्रम सीडर के माध्यम से धान बीज की बुवाई की जा सकती है। इसमें कुछ किसान सक्रिय रूप से भाग ले रहे हैं। इस विधि में बीज को फुलाकर उपचारित किया जाता है फिर ड्रम सीडर में बीज को डालकर कादो किए हुए खेत में बीज को गिरा दिया जाता है। जिससे फसल सीधे लाइन से लग जाती है और धान रोपनी के लागत को इससे बचाया जा सकता है। इस संदर्भ में प्रोफेसर एवं केंद्र प्रधान डॉ शोभा रानी ने बताया कि इस विधि से बुवाई करने पर पानी एवं पोषक तत्वों की उपयोग क्षमता में वृद्धि हो जाती है। अतः किसानों को लागत और समय बचाने हेतु दोनों विधियों से धान की बुवाई करनी चाहिए। उन्होंने कहा कि इस तकनीक से बुवाई हेतु कृषि विज्ञान केंद्र के वैज्ञानिकों से भी किसान संपर्क कर सकते हैं ।