श्री वैष्णो सिद्ध पीठ नरहट के पीठाधीश्वर स्वामी रंगनाथाचार्य जी महाराज पर अज्ञात अपराधियों ने किया हमला

विश्वनाथ आनंद ।
गया (मगध बिहार)- श्री वैष्णव सिद्ध पीठ नरहट के पीठाधीश्वर स्वामी रंगनाथाचार्य जी महाराज पर अपराधियों ने अर्धरात्रि में लोहे के रड से जानलेवा हमला किया है. बताते चलें कि ज्ञान व मोक्ष की भूमि गया ज़िले के पंचानपुर ओपी अंतर्गत ऐतिहासिक विष्णु पंचायतन मंदिर परिसर रामेश्वरबाग में दिव्य चातुर्मास व्रतानुष्ठान सह श्री लक्ष्मीनारायण महायज्ञ पूज्य पाद श्री श्री 1008 स्वामी धरणिधाराचार्य जी महाराज के परम शिष्य अंतरराष्ट्रीय धर्म प्रचारक श्री वैष्णव सिद्ध पीठ नरहट के पीठाधीश्वर स्वामी रंगनाथाचार्य जी के नेतृत्व में विगत दिन 29 जून 2023 से हो रहा है, जो आगामी चार माह तक चलना है . इसी बीच विगत दिन 2 जूलाई 23 स्वामी रंगनाथाचार्य द्वारा दैनिक प्रवचन के बाद स्वामी जी अपने विश्रामगृह में सोये हुये थे.मध्य रात्रि में क़रीब 12 बजे रात्रि में अज्ञात अपराधियों द्वारा लोहे के रड धारदार व जान घातक हथियार से सिर पर जानलेवा हमला किया गया . जिससे बुरी तरह जख्मी हो गए हैं. इस संबंध में सूत्रों की बात माने तो कहना है कि स्वामी जी द्वारा जब शोर किया गया तो आसपास के सेवक व समर्थक व भक्तजन जागे एवम शोर मचाए तब तक सभी अपराधी घटना का अंजाम देते हुए नौ दो ग्यारह हो गया . सूत्रों ने बताया कि घटना की जानकारी लिखित रूप से स्थानीय प्रशासन को दिया गया है . घटना की जानकारी होते ही स्थानीय पुलिस पहुंची. तथा रात्रि में पेट्रोलिंग करने में जुट गए हैं. लेकिन 2 दिन बीत जाने के बावजूद भी अपराधियों को पकड़ने में पुलिस नाकाम साबित हुआ है. स्थानीय लोगों एवं भक्तजनों ने स्थानीय पुलिस प्रशासन एवं जिला प्रशासन से सुरक्षा व्यवस्था सुनिश्चित करते हुए अपराधियों को पकड़ने एवं कार्रवाई करने की मांग किया है. अब देखना है कि स्थानीय लोगों एवं भक्तों जनों की मांग पर प्रशासन अगला कदम क्या उठा पाता है, यह तो आने वाला वक्त बताएगा. लेकिन जिस प्रकार से स्वामी जी पर लोहे के रड एवं धारदार हथियार से जानलेवा हमला किया गया है जो दुर्भाग्यपूर्ण एवं निंदनीय है. सूत्रों की बात माने तो तो कहना है कि अंतरराष्ट्रीय धर्म प्रचारक स्वामी रंगनाथाचार्य जी पर यह एक सुनियोजित तरीके से अपराधियों ने घटना का अंजाम दिया है ,ताकि सनातन धर्म व चतुर्मास यज्ञ में विघ्न हो. इसलिए ऐसे घिनौना करतूत किया गया है . स्वामी जी ने कहां है कि मैं ऐसे किसी घटना से डरने वाला नहीं हूँ । जब तक मेरे शरीर का सांस चलेगा ,तबतक मैं सनातन धर्म का प्रचार- प्रसार पूरे दुनिया में करता रहूँगा .यज्ञ से कल्याण होता है व जो भी इसमें भाग लेते हैं, उन्हें बैकुंठ प्राप्त की लाभ जीवन में मिलता है . सनातन धर्म के प्रचारक के हैसियत से में आम लोगों से सुझाव देता हूँ की ऐसे घटना से विचलित होने की ज़रूरत नहीं है, बल्कि और ज़्यादा से ज़्यादा चतुर्मास यज्ञ में शामिल हो और प्रभुनारायण द्वारा दिये गये जीवन का लाभ उठाए .

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