नई शिक्षक नियमावली के विरोध में शिक्षकों का पैदल मार्च, सरकार के विरोध में लगाए नारे

दिवाकर तिवारी ।

रोहतास। बिहार राज्य प्रारंभिक शिक्षक संघ के बैनर तले गुरुवार को शिक्षकों ने नई शिक्षक नियुक्ति नियमावली 2023 के विरोध में जिला शिक्षा पदाधिकारी कार्यालय फजलगंज से जिला मुख्यालय तक पैदल मार्च किया। इस दौरान संघ से जुड़े शिक्षक-शिक्षिकाओं ने हाथ में बैनर – झंडा लिए बिना शर्त नियोजित शिक्षकों को राज्यकर्मी का दर्जा दिए जाने का पुरजोर समर्थन किया तथा सरकार के विरोध में बिहार सरकार की मनमानी नहीं चलेगी नहीं चलेगी, वादा – निभाना होगा, चाचा भतीजे की सरकार वापस जाओ वापस जाओ आदि नारे लगाए गए। इसके बाद प्रदर्शन धरना में तब्दील हो गया। जिसकी अध्यक्षता जिला महासचिव जगन्नाथ सिंह व संचालन भाई बब्लू ने किया। धरने को संबोधित करते हुए महासचिव ने कहा कि बिहार सरकार नियोजित शिक्षकों के साथ सीधे तौर पर वादाखिलाफी करते हुए विश्वासघात किया है। भाई बब्लू ने कहा कि मुख्यमंत्री अगर समय रहते हुए इस शिक्षक विरोधी नीति को वापस नहीं लेते हैं तो बिहार के सभी कोटि के शिक्षक अब एक मंच पर आ रहे हैं और आंदोलन छेड़ेंगे। सरकार को बिना शर्त नियोजित शिक्षक को राज्यकर्मी का दर्जा देना होगा। बिहार सरकार ने नियोजित शिक्षकों को राज्यकर्मी का दर्जा न देकर नई नियमावली लाकर विश्वासघात किया है। पूर्व की नियमावली के अनुसार नियोजित शिक्षकों को प्रोन्नति देनी थी। बिहार सरकार ने कूड़ेदान में डालकर धोखा करते हुए अचानक नई शिक्षक नियुक्ति नियमावली जारी कर दिया है। इसे बिहार के नियोजित शिक्षक किसी भी हाल में स्वीकार नहीं करेंगे। मौके पर प्रखंड अध्यक्ष संतोष कुमार, मीडिया प्रभारी विजय कुमार,अमित कुमार त्रिपाठी, ओम प्रकाश सिंह, मोहम्मद कामरान, अनिल कुमार, राजेश कुमार सिंह, संतोष कुमार राय, अनिल कुमार त्रिपाठी, संजय कुमार, रामनाथ सिंह, बैजनाथ सिंह, दिनेश कुमार सिंह, अनिल कुमार, विश्वजीत कुमार, संतोष ठाकुर, अजीत तिवारी, उदय पाल, अनिल कुमार वर्मा, अमरेंद्र कुमार सुमन, जगनारायण, संतोष कुमार, विकास कुमार रंजन, अनिल कुमार, नीतीश कुमार, अनुज प्रसाद सिंह सहित काफी संख्या में शिक्षक उपस्थित रहे।

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