अवैध रूप से संचालित अल्ट्रासाउंड सेंटरों पर चला प्रशासन का डंडा

संतोष कुमार ।

घटते लिंगानुपात को लेकर की गई कार्रवाई ।

नगर पंचायत रजौली के मुख्य बाजार में संचालित अल्ट्रासाउंड सेंटरों पर अनुमंडल पदाधिकारी आदित्य कुमार पीयूष की अगुवाई में छापेमारी की गई।अचानक हुई छापेमारी के कारण अवैध रूप से संचालित अल्ट्रासाउंड सेंटर चलाने वाले लोगों में हड़कंप मच गया।छापेमारी की सूचना मिलते ही कई अल्ट्रासाउंड सेंटरों के संचालनकर्ता ताला लगाकर फरार हो गए।छापेमारी के दौरान राजश्री अल्ट्रासाउंड समेत दो सेंटरों को सील किया गया है।छापेमारी के दौरान कार्रवाई के भय से कई संचालक व कर्मी मौके से फरार हो गए थे।छापेमारी टीम की अगुवाई अनुमंडल पदाधिकारी आदित्य कुमार पीयूष कर रहे थे।जबकि इस अभियान में प्रखंड विकास पदाधिकारी अनिल मिस्त्री,राजस्व पदाधिकारी रश्मि प्रिया,प्रखंड कल्याण पदाधिकारी अभिषेक आनंद के साथ पीएचसी के प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी डॉ सौरभ निराला,डॉ मुन्ना दुसाद आदि लोग शामिल थे।अधिकारियों की टीम ने नगर पंचायत के अनुमंडलीय अस्पताल रोड में अमान्य रूप से चल रहे लगभग आधा दर्जन अल्ट्रासाउंड सेंटरों में तैनात कर्मचारियों के बारे में विस्तृत जानकारी ली एवं उनके लाइसेंस के अलावे विभिन्न कागजातों की जांच की।अनुमंडल पदाधिकारी ने बताया कि जांच के क्रम में किसी भी अल्ट्रासाउंड सेंटर का कागजात पूर्ण नहीं पाया गया है।जिसके कारण दो अल्ट्रासाउंड सेंटरों को सील किया गया है।सभी अल्ट्रासाउंड सेंटर संचालकों को कागजात दिखाने के लिए निर्देशित किया गया है। कागजात सही पाए जाने पर सील किए हुए दुकानों को भी खोल दी जाएगी।इसी प्रकार जो अल्ट्रासाउंड सेंटर के संचालक नियमानुसार लाइसेंस व पूरी कागजात नहीं दिखा पाते हैं।उनके सेंटरों को सील करने के अलावे नियमानुकूल कार्रवाई की जाएगी।उन्होंने बताया कि सूचना मिल रही थीं कि अवैध रूप से अल्ट्रासाउंड सेंटरों का संचालन किया जाता है।जिसमें भ्रूण जांच भी की जाती है,जो कि लिंगानुपात के अंतर का मुख्य कारण है।जिसके बाद छापेमारी अभियान चलाया गया है।इधर छापेमारी के दौरान कई लोगों में यह चर्चा का विषय बना हुआ है कि नगर में संचालित हो रहे अल्ट्रासाउंड केंद्रों की वास्तव में जांच की जाए तो कई रोचक तथ्य सामने आएंगे।नगर में संचालित कुछ अल्ट्रासांउड केंद्रों पर जिन चिकित्सकों के नाम व पंजीयन दिखाया जा रहा है,वे चिकित्सक इन अल्ट्रासाउंड केंद्रों पर कभी नहीं आते हैं।इस बात से आम नागरिकों के साथ-साथ खुद स्वास्थ्य महकमा भी अवगत है। ऐसे में सवाल उठना लाजिमी है कि अवैध ढंग से संचालित हो रहे अल्ट्रासाउंड केंद्रों पर आखिर कौन महेरबान है,जिसकी वजह से यह धंधा धड़ल्ले से संचालित हो रहा है।हालांकि अनुमंडल पदाधिकारी के अगुवाई में की गई छापेमारी के कारण अवैध अल्ट्रासाउंड सेंटर संचालकों के बीच हड़कंप मचा हुआ है।

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