भारत को गुलामी की जंजीरों से मुक्त कराने का पहला प्रयास 10 मई 1857 का दिन अति महत्वपूर्ण _ कांग्रेस
मनोज कुमार ।
वर्ष 1857 में वह ऐतिहासिक दिन 10 मई ही था जब देश की आजादी के लिए पहली चिंगारी मेरठ से भड़की थी। अंग्रेजो को खदेड़ने के लिए प्रथम स्वतंत्रता संग्राम की नीव मेरठ से ही पूरे देश में फैल गई थी।
आज बिहार प्रदेश कांग्रेस कमिटी के प्रदेश प्रतिनिधि सह क्षेत्रीय प्रवक्ता प्रो विजय कुमार मिठू, पूर्व विधायक मो खान अली, जिला उपाध्यक्ष राम प्रमोद सिंह, बाबूलाल प्रसाद सिंह, उदय शंकर पालित, दामोदर गोस्वामी, शिव कुमार चौरसिया, टिंकू गिरी , विनोद उपाध्याय, सुजीत कुमार गुप्ता, राजेश अग्रवाल, मो समद, असरफ इमाम, आदि ने स्वाधीनता संग्राम के प्रथम दिवस की 166 वीं वर्षगांठ के ऐतिहासिक दिवस के अवसर पर स्थानीय कोतवाली स्थित शहीद स्मारक पर महान स्वतंत्रता सेनानियो को नमन किया ।
इस अवसर पर उपस्थित नेताओ ने कहा की प्रथम स्वाधीनता संग्राम के प्रणेता कोतवाल धन सिंह गुजर ने अहम भूमिका अदा की थी । 10 मई को धन सिंह कोतवाल के आदेश पर हजारों की संख्या में भारतीय क्रांतिकारी रातों, रात मेरठ पहुंचे थे। अंग्रेजो के खिलाफ बगावत की खबर मिलते ही आस, पास के गांवों के हजारों ग्रामीण भी मेरठ की सदर कोतवाली क्षेत्र में जमा हो गए थे। इसी कोतवाली में धन सिंह चीफ के पद पर तैनात थे।
नेताओ ने कहा की 1857 से 1947 तक 90 वर्षो तक आजादी की लड़ाई लड़ने के बाद भारत गुलामी के बेड़ियों से मुक्त होकर आजाद हुआ था।
नेताओ ने कहा आज देश की सत्ता में बैठे लोग जिन्हें आजादी की लड़ाई से कोई लेना, देना नहीं था, ना ही उनकी पार्टी या उनके पूर्वजों आजादी की लड़ाई में शामिल हुए थे परंतु वही लोग देश की 138 वर्ष सबसे पुरानी कांग्रेस पार्टी जिसके नेतृत्व में आजादी की लड़ाई लडी गई उसे समाप्त करने की बाते करते है, जो नामुमकिन है।
नेताओ ने आज के ऐतिहासिक दिन के अवसर पर आजादी की लड़ाई की नीव रखने वाले वीर क्रांतिकारी शहीदों के पद चिन्हों को नमन कर देश से आतकवाद, संप्रदायवाद, जातिवाद, धर्मवाद को जड़ मूल से समाप्त करने का संकल्प दोहराया।