श्रीमद्भागवत कथा सुनने से ही होता है जीवन का कल्याण : देवकीनंदन
चंद्रमोहन चौधरी ।
बिक्रमगंज अनुमंडल क्षेत्र अंतर्गत राजपुर प्रखंड क्षेत्र के तरांव गांव में महाकाली व भोलेशंकर प्राण प्रतिष्ठा महोत्सव के पावन अवसर पर श्री लक्ष्मी नारायण महायज्ञ सह श्रीमद्भागवत कथा के दौरान देवकीनंदन शास्त्री जी महाराज ने भागवत कथा के महात्म्य का सुंदर वर्णन भक्तों को श्रवण कराया । इस दौरान हजारों की संख्या में भक्तों ने कथा का श्रवण किया। कथा की शुरुआत दीप प्रज्जवलन, भागवत आरती और विश्व शांति के लिए प्रार्थना के साथ की गई। देवकीनंदन शास्त्री जी महाराज ने कथा की शुरुआत करते हुए कहा कि वेद व्यास जी महाराज ने श्रीमद्भगवत कथा में लिखा है जिसके करोड़ों-करोड़ों जन्मों के पुण्य एकत्रित हो जाते है वो व्यक्ति भागवत कथा सुनता है। उन्होंने कहा कि आप जिस मनोरथ के साथ श्रीमद्भागवत कथा श्रवण करेंगे आपके उस मनोरथ की सिद्धि होगी। आप अगर निर्धन है धन की इच्छा लेकर सुनेंगे तो धनवान होंगे। रोगी है निरोगी काया की इच्छा लेकर अगर कथा सुनेंगे तो निरोगी काया प्राप्त होगी। कथा सुनाते हुए कहा कि श्रीमद् भागवत कथा सुनने मात्र से ही जीव का कल्याण हो जाता है। व्यास जी ने जब इस भगवत प्राप्ति का ग्रंथ लिखा, तब भागवत नाम दिया गया। बाद में इसे श्रीमद् भागवत नाम दिया गया। इस श्रीमद् शब्द के पीछे एक बड़ा मर्म छुपा हुआ है, श्री यानी जब धन का अहंकार हो जाए तो भागवत सुन लो, अहंकार दूर हो जाएगा। व्यक्ति इस संसार से केवल अपना कर्म लेकर जाता है। इसलिए अच्छे कर्म करो। भाग्य, भक्ति, वैराग्य और मुक्ति पाने के लिए भागवत की कथा सुनो। केवल सुनो ही नहीं बल्कि भागवत की मानों भी। सच्चा हिदू वही है जो कृष्ण की सुने और उसको माने, गीता की सुनो और उसकी मानों भी, माता- पिता, गुरु की सुनो तो उनकी मानो भी तो आपके कर्म श्रेष्ठ होंगे और जब कर्म श्रेष्ठ होंगे तो आप को संसार की कोई भी वस्तु कभी दुखी नहीं कर पायेगी। मौके पर हजारों-हजार की संख्या में श्रद्धालु लोग उपस्थित थे।