कंचन कुमारी प्लास्टिक की डोलची में मशरूम उगाने से कम से कम जगह में अधिक उत्पादन प्राप्त कर रही

मनोज कुमार ।
गया जिले के बांके बाजार प्रखंड के दीघासीन गांव की रहने वाली कंचन कुमारी ने क्षेत्र में अपनी मेहनत और लगन से मशरूम का अलग-अलग तरीके से उत्पादन कर आगे बढ़ रही है। कंचन कुमारी प्लास्टिक की डोलची में मशरूम उगाने से कम से कम जगह में अधिक उत्पादन प्राप्त कर रही है। डोलची की लागत कम होती है जिससे मशरूम उगाने में कम लागत आती है साथ ही कम रखरखाव भी होती है इससे, श्रम की बचत होती है। कंचन कुमारी बताती है कि 2022 में 25 बैग मशरूम उत्पादन कर अपने बिजनेस की शुरुआत की थी। अपने लगन से सभी तरह के मशरूम उगाने के साथ इमामगंज, डुमरिया, चतरा, आमस और गया शहर में भी बाल्टी और डोलची मशरूम तैयार करने के लिए महिलाओं को जागृत कर रही है।
कंचन अपने माध्यम से महिलाओं को न सिर्फ रोजगार से जोड़ रही है बल्कि, उन्हें समाज में आत्म सम्मान देकर नई पहचान बना रही है। दलित परिवार से आने वाली कंचन कुमारी का मानना है की खेती में महिलाओं का योगदान कम है खासकर, दलित महादलित के पास खेत भी नहीं होते, ऐसे में कम खर्चे में घर में ही रोजगार उसने ढूंढ ली। शुरुआत में बैग फिर बाल्टी अब डोलची मशरूम का कंचन कुमारी के इस प्रयोग से कृषि विभाग द्वारा प्रशस्ति पत्र देकर सम्मानित भी किया गया है। अब कंचन कुमारी गया एयरपोर्ट से कार्गो विमान सेवा शुरू होने की घोषणा से सब्जी उत्पादन पर भी फोकस कर रही है।