दिलीप जायसवाल को प्रदेश अध्यक्ष बनाया गया उसके कई मायने हैं,अभी और बदलाव के आसार
संजय वर्मा ।
बिहार भाजपा में अभी और बदलाव होंगे दिलीप जायसवाल को प्रदेश अध्यक्ष बनाया गया उसके कई मायने हैं दिलीप जायसवाल पार्टी के लम्बे समय से कोषाध्यक्ष हैं चार बार से निर्वाचित विधान पार्षद हैं वैश्य हैं हालाँकि इसके पहले डॉ संजय जायसवाल प्रदेश अध्यक्ष रहे पर टर्म पूरा होने से पहले ही उन्हें हटा दिया गया। फिर तारकिशोर प्रसाद को फिर से उपमुख्यमंत्री नहीं बनाया गया सुशील मोदी की कितनी उपेक्षा हुई यह सर्वविदित है लोकसभा चुनाव में मात्र एक टिकट संजय जायसवाल को टिकट दिया शिवहर की सांसद रमा देवी और सीतामढ़ी के सांसद सुनील पिंटू को टिकट दिया लम्बे समय से वैश्य समाज भाजपा का कैडर रही और वो अपना लगभग पूरा मत भाजपा को देती रही है।
पर भाजपा से लगातार उपेक्षा दर उपेक्षा का दंश झेलती रही आक्रोशित भी हुई पर वोट भाजपा को ही देती है वैश्य समाज ही एक ऐसा समाज है जो हर हाल में भाजपा के प्रति समर्पित होती है अन्य कोई भी जाति अपनी उपेक्षा होने पर विदक जाटी वोट किसी और को दे देती है बदला भी लेने पर उतारू हो जाती है दिलीप जायसवाल को अध्यक्ष बनाकर यह मैसेज दिया गया कि वो अपने मूल कैडर वैश्य समाज को समेट कर चलना चाहती वैश्य समाज कहीं इधर उधर ध्यान न भटकाये और दूसरा की संगठन में गणेश परिक्रमा और चाटूकारिता के आधार पर पद देने की परम्परा समाप्त हो।