एक सप्ताह में तीन पुल गिरकर ध्वस्त होना, नीतीश सरकार व सरकार के पुल विभाग सवाल के कटघरे में
विश्वनाथ आनंद.
औरंगाबाद (बिहार)- बिहार में एक सप्ताह में तीन पुल गिरकर ध्वस्त होना, नीतीश सरकार एवं सरकार के पुल विभाग सवाल के कटघरे में खड़ा है. सूत्रों की बात माने तो कहना है कि नीतीश सरकार में आए दिन लगातार पुल का निर्माण तो हो रहा है ,लेकिन उतनी ही तेजी से पुल का ध्वस्त होने का सिलसिला भी जारी है. इसे प्रमाणित होता है कि विभाग द्वारा लापरवाही के साथ-साथ घटिया किस्म का सामानों का इस्तेमाल किया जा रहा है.तथा लूट खसोट जारी है . जिससे विश्वासीनता पर सवालिया निशान खड़ा है. इसके लिए दोषी कौन? ऐसे कई सवाल हैं जो बिहार वासियों के जेहन में कौध रही है. यह युक्ति किसी संवाददाता कि नहीं बल्कि औरंगाबाद कांग्रेस पार्टी के महिला जिला अध्यक्ष श्रीमती गायत्री देवी की है. श्रीमती गायत्री देवी ने कहा कि बिहार में एक सप्ताह में तीन पुल गिरे,
पहले अररिया में, कल सिवान में तो आज मोतिहारी में पुल ध्वस्त होना नीतीश सरकार में व्याप्त भ्रष्टाचार की पराकाष्ठा को उजागर करता है. उन्होंने आगे कहा कि विगत 22 मार्च जिस दिन पूरा बिहार, स्थापना दिवस माना रहा था, उसी दिन सुपौल में बड़े पुल हादसे ने सबको हिला दिया था, जिसमें एक की मौत एवं दर्जनों घायल हुए थे. तथा इसके पहले सुल्तानगंज में गंगा नदी पर बन रहे 1710 करोड़ के लागत से बन रहे पुल भरभरा कर गिर गया था. उन्होंने आगे कहा कि बिहार में लगातार पुल गिरने की सिलसिला जारी है जिससे सम्पूर्ण देश एवं राज्य को शर्मशार कर दिया है. श्रीमती गायत्री देवी ने बिहार सरकार को समाचार पत्र के माध्यम से ध्यान आकृष्ट कराते हुए कहा है कि बिहार में लगातार पुल का गिरना, कहीं ना कहीं भ्रष्टाचार का उजागर करता है. इसकी जांच कराई जाए एवं दोषियों के खिलाफ कार्रवाई कराना सुनिश्चित किया जाए . ताकि अप्रिय घटना से लोग बच सके.