पर्यावरण संरक्षण को विकास प्रक्रियाओं के साथ संतुलित करने में जैव विविधता की भूमिका महत्वपूर्ण

DIWAKAR TIWARY.

आगामी 25 जून को जैव विविधता प्रबंधन समितियों को संबोधित करेंगे मंत्री, जिला से लेकर पंचायत स्तर पर होगा कार्यक्रम

सासाराम। जैव विविधता के संरक्षण, वन संरक्षण, पौधारोपण एवं पर्यावरण संबंधी विभिन्न पहलुओं पर विस्तृत जानकारी साझा करने के उद्देश्य से आगामी 25 जून को एक सम्मेलन का आयोजन किया जा रहा है। पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन विभाग के मंत्री डॉ प्रेम कुमार सम्मेलन की अध्यक्षता करेंगे तथा वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम राज्य के सभी जिला, प्रखंड एवं पंचायत स्तर पर जैव विविधता प्रबंधन समितियां को संबोधित करेंगे। उक्त जानकारी वन प्रमंडल पदाधिकारी मनीष कुमार वर्मा ने वन विभाग कार्यालय में रविवार को आयोजित एक प्रेस वार्ता के दौरान दी। उन्होंने बताया कि इस सम्मेलन के माध्यम से कृषि, बागवानी, पशु एवं प्राकृतिक वन क्षेत्र में जैव विविधता तथा इसके समितियों की भूमिका पर प्रकाश डाला जाएगा। साथ हीं जैव विविधता प्रबंधन समिति के सभी सदस्यों को सक्रिय भागीदारी निभाने के लिए उत्प्रेरित किया जाएगा।

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डीएफओ ने कहा कि जैव विविधता की भूमिका प्रकृति तथा पर्यावरण संरक्षण को विकास प्रक्रियाओं के साथ संतुलित करने में महत्वपूर्ण है और क्षेत्रीय स्तर पर जैव विविधता संरक्षण के हितों को धरातल पर सुनिश्चित करने में स्थानीय पंचायती राज शासन की सक्रिय सहभागिता भी अनिवार्य है। इसलिए त्रिस्तरीय पंचायत व्यवस्था के तहत जिले के सभी ग्राम पंचायत एवं नगर निकायों में जैव विविधता प्रबन्ध समितियों का गठन कराया गया है। इन पंचायतों में “जन जैव विविधता पंजी का संधारण किया जाता है। जिनमें पेड़-पौधों, जड़ी-बूटी, घांस, कृषि उत्पाद, बागवानी, पशु एवं अन्य जलीय उत्पादन तथा प्राकृतिक वन क्षेत्रों का ब्यौरा रहता है। उन्होंने बताया कि जैव विविधता प्रबन्ध समितियों के उन्मुखीकरण के उद्देश्य से इस सम्मेलन का आयोजन किया जा रहा है ताकि वे समितियां अपने क्षेत्र में जैव विविधता संरक्षण के क्रिया-कलापों में सहभागी बन सकें। वहीं सम्मेलन में क्षेत्र में पाए जाने वाले जैव संसाधनों के संरक्षण, संवहनीय उपयोग तथा उनके वाणिज्यिक उपयोग को विनियमित करने संबंधी विषयों पर भी प्रकाश डाला जाएगा और पंचायत, प्रखण्ड व जिला स्तर पर गठित समितियों को सुदृढ़ करने एवं उनकी जैव विविधता संरक्षण में सहभागिता सुनिश्चित करने के सम्बन्ध में चर्चा की जाएगी।