मुख्यमंत्री बिहार दर्शन योजना के तहत शैक्षिक परिभ्रमण पर गये मध्य विद्यालय के विद्यार्थी
संतोष कुमार ।
मुख्यालय स्थित मध्य विद्यालय रजौली के छात्रों को शनिवार को मुख्यमंत्री बिहार दर्शन योजना के तहत शैक्षिक परिभ्रमण पर नालंदा जिले के राजगीर,नालंदा एवं पावापुरी स्थित भौगोलिक,धार्मिक तथा ऐतिहासिक का भ्रमण कर अपने अधिगम को पूरा किया।परिभ्रमण का नेतृत्व कर रही प्रधानाध्यापिका ममता रानी ने छात्रों को स्थल के भौगोलिक तथा ऐतिहासिक महत्व के बारे में जानकारी दिए।ममता रानी ने बताई कि नालंदा जिले स्थित राजगीर ऐतिहासिक महत्व का स्थान है।ऐतिहासिक स्थल के अलावा, राजगीर जैन धर्म और बौद्ध धर्म दोनों का धार्मिक स्थल है,क्योंकि इस क्षेत्र को महावीर और गौतम बुद्ध दोनों से जुड़ा हुआ माना जाता है।शहर के केंद्र में एक पुरानी दीवार के अवशेष हैं जो अनगिनत सदियों पहले पुराने शहर को घेरे हुए थे।बिहार के नालंदा जिले में,राजगीर मगध की राजधानी थी, जो राज्य अंततः 5वीं शताब्दी ईसा पूर्व तक मौर्य साम्राज्य के रूप में प्रसिद्ध साम्राज्य में विकसित हुआ।
इसलिए, राजगीर में पर्यटकों को आकर्षित करने वाले अधिकांश स्थल या तो धार्मिक या ऐतिहासिक स्थान हैं।इसके अलावे छात्रों को राजगीर के बगल स्थित नालंदा खंडहर एवं पुस्तकालय का दर्शन कराया गया।इस दौरान बताया गया कि नालंदा प्राचीन भारत में उच्च शिक्षा का सर्वाधिक महत्वपूर्ण और विख्यात केन्द्र था।महायान बौद्ध धर्म के इस शिक्षा-केन्द्र में हीनयान बौद्ध-धर्म के साथ ही अन्य धर्मों के तथा अनेक देशों के छात्र पढ़ते थे।इसके अलावे छात्रों को जल जीवन हरियाली के महत्व के बारे जानकारी देते हुए उसे पाठ्यक्रम से जोड़ने का प्रयास किया।साथ ही वातावरण प्रदूषण तथा आंधी, तुफान के समय अपने आपको कैसे सुरक्षित रखें कि जानकारी देते हुए मॉक ड्रिल कराया।इस कार्यक्रम में शिक्षिकाओं में कविता झा,तनुजा कुमारी, शकुंतला कुमारी,संगीता कुमारी, रसोईया सुनीता कुमारी एवं प्रतिमा कुमारी समेत दर्जनों विद्यार्थीगण मौजूद रहे।