विजेंद्र सिंह उर्फ फौजी हत्याकांड का पुलिस ने किया खुलासा
चंद्रमोहन चौधरी.
सेना के जवान ने रची थी हत्या की साज़िश
एसपी रोहतास ने प्रेसवार्ता में दी इसकी जानकारी
बिक्रमगंज….सूर्यपुरा थाना अन्तर्गत कैलानी गांव के पास नीमा निवासी विजेन्द्र सिंह उर्फ फौजी, पिता श्री भगवान सिंह की हत्या का पुलिस ने खुलासा किया है। एसपी रोहतास विनीत कुमार ने बिक्रमगंज थाना परिसर में प्रेसवार्ता में बताया कि इस हत्या की साजिश उसके हीं गांव के सेना के जवान राजू रंजन ने रच कर सुपारी किलरों की मदद से की थी। गौरतलब हो कि नीमा निवासी विजेंद्र सिंह उर्फ फौजी को उनके कल्याणी स्थित निर्माणाधीन मकान पर अपराधकर्मियों के द्वारा गोली मारकर हत्या कर दिया गया था। हत्या कर भाग रहे अपराधियों के द्वारा गोशलडीह गाँव में भी गोली चलाई गई, जिसमें अंकित कुमार पिता धर्मराज सिंह को पैर में गोली लगी थी। अपराधियों को आक्रोशित भीड़ के द्वारा घेर लिया गया तथा भाग रहे अपराधियों में से दो आदित्य कुमार पिता प्रमोद कुमार, ग्राम कोढ़वाँ टोला, थाना जगदीशपुर मिथलेश कुमार पिता रामबली सिंह, ग्राम चाँद टोला, थाना पिरो को अज्ञात भीड़ के द्वारा मारपीट कर हत्या कर दी गई। सूर्यपुरा पुलिस समय पर पहुँच कर एक अपराधकर्मी अजीत कुमार पिता अशोक सिंह, ग्राम जान टोला, थाना पीरो, जिला भोजपुर को बचा लिया। तथा उसे अस्पताल में भर्ती कराया। इस संबंध में मृतक विजेन्द्र सिंह की पत्नी उषा देवी के फर्दबयान के आधार पर सूर्यपुरा थाना में प्राथमिकी दर्ज की गई थी। घटना की गंभीरता को देखते हुए हमने एक विशेष अनुसंधान दल अनुमंडल पुलिस पदाधिकारी, बिक्रमगंज कुमार संजय के नेतृत्व में गठित की गई, जिसमें अंचल पुलिस निरीक्षक, बिक्रमगंज, थानाध्यक्ष सूर्यपुरा तथा अन्य पुलिस पदाधिकारी शामिल थे। विशेष अनुसंधान दल के द्वारा हत्या में शामिल घायल अपराधकर्मी अजीत कुमार से पुछताछ, तकनिकी अनुसंधान से इस काण्ड का सफलतापुर्वक उद्भेदन किया गया तथा घटना में शामिल अपराधकर्मी अजीत कुमार, अनीष कुमार, मधु कुमार उर्फ पिन्टु सिंह, हरिओम कुमार, गोलु कुमार को गिरफ्तार कर न्यायिक हिरासत में भेजा गया।
घटना में प्रयुक्त दो देशी पिस्टल, एक जिन्दा कारतुस सात खोखा, तीन मोबाईल एवं एक अपाची मोटरसाईकिल बरामद किया गया। अनुसंधान के क्रम में पता चला कि 23 जनवरी 2020 को नितिश कुमार पिता सच्चिदानंद सिंह की हत्या उसके गांव नीमा में कर दी गई थी। उस हत्याकाण्ड में मृतक के पिता सच्चिदानंद सिंह के द्वारा पाँच लोगों को नामजद प्राथमिकी अभियुक्त बनाया गया था। जिसके विरूद्ध पुलिस के द्वारा अनुसंधान पूर्ण कर आरोप पत्र समर्पित किया गया, लेकिन मृतक के भाई राजु रंजन सिंह उर्फ राजु रंजन कुमार जो 214 बटालियन, केन्द्रीय रिजर्व पुलिस बल, लातेहार (झारखण्ड) में आरक्षी के पद पर पदस्थापित है को यह सन्देह था कि उनके भाई की हत्या पंचायत चुनाव में संभावित मुखिया प्रत्याशी होने की वजह से विजेन्द्र सिंह उर्फ फौजी के द्वारा कराया गया है। इस कारण उसने विजेन्द्र सिंह उर्फ फौजी की हत्या करने का षड्यंत्र किया। और इसके लिए अपराधियों को पाँच लाख रूपया की सुपारी तय की तथा अग्रिम स्वरूप एक लाख रूपया आदित्य कुमार के खाता में डाला तथा हथियार खरीदने के लिए एक लाख रूपया नगद दिया। इस घटना को अंजाम देने के लिए अपराधकर्मियों के द्वारा 09 नवंबर को कल्याणी स्थित निर्माणाधीन मकान पर प्रयास किया गया, लेकिन अपराधियों के द्वारा विजेन्द्र सिंह उर्फ फौजी की सही पहचान नहीं करने के कारण उनकी हत्या नहीं की जा सकी। तब इस काण्ड के मुख्य साजिशकर्ता के द्वारा अपने परिवार के दो भाईयों को लगाया गया। तब 15 नवंबर को जब विजेन्द्र सिंह उर्फ फौजी अपने आवास नीमा से कल्याणी निर्माणाधीन मकान पर जाने के लिए निकले तो अपराधियों को इसकी सूचना मोबाईल से दी गई। अपराधियों के द्वारा विजेन्द्र सिंह उर्फ फौजी की पहचान की गई एवं कल्याणी स्थित निर्माणाधीन मकान पर उनकी हत्या कर दी गई। इस काण्ड की मुख्य साजिशकर्ता नीमा निवासी राजु रंजन कुमार उर्फ राजु रंजन सिंह पिता सच्चिदानंद सिंह 214 बटालियन, केन्द्रीय रिजर्व पुलिस बल, लातेहार (झारखण्ड) से गिरफ्तार कर लिया गया।