डिप्टी डायरेक्टर डॉ शोभा गुप्ता ने लिया स्वास्थ्य सेवाओं जायज़ा
धीरज ।
स्वास्थ्य के सात सूचकांकों पर डिप्टी डायरेक्टर ने की समीक्षा.
आकांक्षी प्रखंड कार्यक्रम में शामिल है फतेहपुर तथा वजीरगंज.
गया।विकास के कई पैमाने पर पिछड़े प्रखंडों को आगे लाने की कोशिश की जा रही है. इसके लिए अब आकांक्षी प्रखंड कार्यक्रम के तहत चयनित प्रखंडों में मौजूद सुविधाओं का विभिन्न सूचकांकों के आधार पर अनुश्रवण करते हुए समीक्षा की जा रही है. इनमें स्वास्थ्य तथा पोषण, शिक्षा, कृषि व जल संसाधन, वित्तीय समावेशन व कौशल विकास जैसे सूचकांकों पर विशेष ध्यान दिया जा रहा है। नीति आयोग द्वारा कुल 39 सूचकांक निधार्रित किये गये हैं जिनमें सात सूचकांक स्वास्थ्य से जुड़े हैं।जिला के चार प्रखंडों को भी आकांक्षी प्रखंड कार्यक्रम में शामिल किया गया है।इस क्रम में बुधवार को स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय की शिशु स्वास्थ्य ईकाई की डिप्टी डायरेक्टर डॉ शोभा गुप्ता द्वारा फतेहपुर तथा वजीरगंज प्रखंड का भ्रमण किया गया है।यहां पहुंच कर उन्होंने प्रखंड के सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में मौजूद स्वास्थ्य सेवाओं तथा आधारभूत संरचनाओं का जायज़ा लिया. इसके बाद ज़िला पदाधिकारी गया डॉ त्यागराजन एसएम तथा सिविल सर्जन डॉ रंजन कुमार सिंह से मुलाकात कर आवश्यक सहयोग के विषय में बातचीत किया गया है।
इस मौके पर राज्य एवं जिला स्तरीय स्वास्थ्य पदाधिकारी सहित प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी डॉ अशोक कुमार, यूनिसेफ से संजय कुमार एवं पीरामल प्रतिनिधि राकेश ठाकुर भी मौजूद रहे हैं।स्वास्थ्य के सात सूचकांकों पर की समीक्षा।जिला स्वास्थ्य समिति के डीपीएम नीलेश कुमार ने बताया कि जिला के फतेहपुर तथा वजीरगंज सहित कोंच एवं इमामगंज प्रखंडों को नीति आयोग के आकांक्षी प्रखंड कार्यक्रम में शामिल किये गये हैं. फतेहपुर तथा वजीरगंज प्रखंड को डॉ शोभा गुप्ता द्वारा गोद लिया गया है।बुधवार को उन्होंने यहां के सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों में मौजूद सेवाओं का समीक्षा किया है।यह समीक्षा स्वास्थ्य के लिए निर्धारित सात सूंचकाकों पर आधारित हैं।नीति आयोग द्वारा यह सात सूचकांक प्रसव पूर्व जांच, संस्थागत प्रसव, कम वजन दर, टीबी स्क्रीनिंग, रक्तचाप तथा मधुमेह जैसे रोग संबंधी गैर संचारी रोग स्क्रीनिंग तथा नेशनल क्वालिटी एश्यूरेंस स्टैंडर्ड आदि जैसे सूचकांक शामिल हैं।डीएम और सिविल सर्जन से सहयोग की अपील।डॉ शोभा गुप्ता द्वारा इन स्वास्थ्य केंद्रों में मौजूद सुविधाओं और संरचनाओं का जायज़ा लेते हुए इसमें आवश्यक सुधार संबंधी सलाह भी दिये गये है। इसके साथ ही एक्शन प्लान पर चर्चा किया गया है और बताया कि जिला आकांक्षी कार्यक्रम की सफलता को देखते हुए नीति आयोग ने प्रखंड आकांक्षी कार्यक्रम की शुरुआत की है। राज्य में 61 प्रखंड का चयन आकांक्षी प्रखंड के रूप में किया गया है।इनमें गया जिला के चार प्रखंड शामिल हैं।गया जिले में 5 साल से कम उम्र के वैसे बच्चे जो बहरेपन से ग्रसित हैं।उनका समुचित इलाज श्रवण श्रुति के माध्यम से करवाया जा रहा है। श्रवण श्रुति प्रोजेक्ट के बारे में जानकर काफी खुशी प्रकट किया है। उन्होंने कहा कि गया जिला स्वास्थ्य के क्षेत्र में विशेष कर छोटे बच्चों के भविष्य के बारे में काफी बढ़िया काम कर रहा है। ज़िले में 3 लाख 25 हजार 925 बच्चो को स्क्रीनिंग किया गया है। जिनमे 739 बच्चो को बेरा टेस्ट किया गया हू। 87 बच्चे बेरा टेस्ट पॉजिटिव पाए गए हैं। इनमें अब तक 39 बच्चे को कोकिलर इंप्लांट मशीन लगाया गया है।गया ज़िला को मॉडल मानते हुए राज्य स्वस्थ्य समिति ने पूरे बिहार में बाल श्रवण योजना के नाम से अडॉप्ट किया है।