बाल विवाह के खिलाफ मशाल जुलूस व जागरूकता हेतु आयोजित किए गए कई कार्यक्रम

धीरज ।

गया।पूरे देश में चल रहे “बाल विवाह मुक्त भारत” अभियान के तहत 16 अक्टूबर को मनाए गए बाल विवाह मुक्त भारत दिवस के मौके पर गैर सरकारी संगठन प्रयास बिहार के गया जिले में करीब 42 स्थानों पर जागरूकता कार्यक्रमों का आयोजन किया गया है। इन कार्यक्रमों में करीब 21000 महिलाओं, बच्चों और आम लोगों ने शपथ ली कि वे न तो बाल विवाह का समर्थन करेंगे और न इसे बर्दाश्त करेंगे। बड़े पैमाने पर हुए इन कार्यक्रमों मे पंचायत प्रतिनिधि सहित बच्चो,महिलाओं और पुरुषो ने हिस्सा लिया और इसे सफल बनाने में योगदान दिया है।राष्ट्रीय परिवार स्वास्थ्य सर्वेक्षण- 5 एनएचएफएस-2019-21 के आंकड़ों के अनुसार पूरे देश में 20 से 24 आयुवर्ग के बीच की 23.3 प्रतिशत युवतियों का विवाह 18 वर्ष की होने से पहले ही हो गया था।बाल विवाह मुक्त भारत अभियान देश के 300 से भी ज्यादा जिलों में चलाया जा रहा है। भारत से 2030 तक बाल विवाह के समग्र खात्मे के लक्ष्य के साथ पूरी तरह से महिलाओं के नेतृत्व में चल रहे इस अभियान से देश के 160 गैर सरकारी संगठन जुड़े हुए हैं। 16 अक्टूबर को इस अभियान के एक साल पूरे हुए। इस अर्से में पूरे देश में हजारों बाल विवाह रुकवाए गए और लाखों लोगों ने अपने गांवों और बस्तियों में बाल विवाह का चलन खत्म करने की शपथ ली है।गांवों में पूरे दिन इस अभियान के समर्थन में उतरे लोगों की चहल पहल रही और इस दौरान रैली,बैठक,बाल विवाह ना करने हेतु पेंटिंग और मेहंदी प्रतियोगिता का आयोजन किया गया है।सूरज ढलने के बाद हजारों लोगों ने हाथों में मशाल लेकर मार्च भी किया‌ और लोगों को जागरूक करते हुए संदेश दिया कि नए भारत में बाल विवाह की कोई जगह नहीं है। इस मार्च में स्कूली बच्चों, ग्रामीणों, धार्मिक नेताओं सहित समाज के सभी वर्गों और समुदायों के लोगों ने हिस्सा लिया है। इस मार्च का मकसद जिले के 5 प्रखंड के 150 गांवों और कस्बों में लोगों को बाल विवाह के खिलाफ जागरूक करना‌ था। इस दौरान विवाह समारोहों में अपनी सेवाएं देने वालों जैसे कि शादियों में खाना बनाने वाले हलवाइयों, टेंट-कुर्सी लगाने वालों, फूल माला बेचने‌ व‌ सजावट करने‌ वालों, सफाई कर्मी, पंडित और मौलवी जैसे पुरोहित वर्ग को जागरूक करने पर विशेष ध्यान दिया गया है।


संस्था के जिला प्रभारी देवेन्द्र कुमार मिश्रा ने कहा, “बाल विवाह वो अपराध है जिसने सदियों से हमारे समाज को जकड़ रखा है। लेकिन नागरिक समाज और बिहार सरकार द्वारा राज्य को बाल विवाह मुक्त बनाने के प्रति दिखाई गई प्रतिबद्धता और प्रयास जल्द ही एक ऐसे माहौल और तंत्र का मार्ग प्रशस्त करेंगे जहां बच्चों के लिए ज्यादा सुरक्षित और निरापद वातावरण होगा। इन दोनों द्वारा साथ मिल कर उठाए गए कदमों और लागू किए गए कानूनों के साथ समाज व समुदाय की भागीदारी 2030 तक बाल विवाह मुक्त भारत सुनिश्चित करेंगी।”मानपुर में हुए कार्यक्रम के मुख्य अतिथि मुखिया पिंकी देवी ने सभी से बाल विवाह से होने वाले हानि को बताया है । वही मुखिया प्रतिनिधि उमेश कुमार वर्मा ने कहा की संस्था के ऐसे सार्थक प्रयास एवम जिला प्रशासन के सहयोग से निश्चय ही हमारा समाज बाल विवाह से मुक्त होगा ।संस्था के कार्यकर्ता गौतम परमार,मोनिका कुमारी,बिनोद कुमार,जितेंद्र कुमार एवम प्रीति कुमारी ने इस अवसर पर अपने संबोधन में उपस्थित जनमानस को बाल विवाह से होने वाले हानि एवं संबंधित कानूनों से अवगत कराया गया है।