अपनी विभिन्न मांगों को लेकर शिक्षकेत्तर कर्मचारियों ने कालेज परिसर में दिया धरना

चंद्रमोहन चौधरी ।

अपनी विभिन्न मांगों को लेकर शिक्षकेत्तर कर्मचारियों ने सोमवार को एएस कालेज बिक्रमगंज के प्रांगण में धरना दिया। संघ के सचिव अक्षय कुमार प्यारे ने बताया कि यह धरना कार्यक्रम 14 अक्टूबर तक जारी रहेगा। इसके बावजूद यदि कर्मचारियों की मांगों को पूरी नहीं की जाती है तो कालेज में तालाबंदी कर अनिश्चितकालीन हड़ताल पर जाने को विवश होंगे। उन्होंने कहा कि सेवा संपुष्टि, प्रोन्नति, वेतन सत्यापन, सातवें वेतन का अप्रैल 2017 से मार्च 2019 तक का वेतन अन्तर, अनुकंपा पर नव नियुक्त कर्मियों का वेतन भुगतान, उच्च न्यायालय पटना के निर्णय के आलोक में पुनः बहाल किए गए कर्मियों का वेतन भुगतान आदि को लेकर कई बार विश्विद्यालय से पत्राचार किया गया। बार-बार आश्वासन दिया जाता है। सातवें वेतन का बकाया हो-हल्ला करने के बाद सिर्फ उन कर्मियों को दिया गया, जिनका सत्यापन हुआ है। सत्यापन के अभाव में कई कर्मी इस भुगतान से वंचित रह गए। वेतन सत्यापन का काम राज्य के सत्यापन कोषांग का है। प्रस्ताव तीन चार साल पहले ही भेजा गया। कोषांग ने मनमाने तरीके से कुछ का सत्यापन किया कुछ पर अनावश्यक जांच के नाम पर सत्यापन नहीं किया।

जांच का जवाब विश्विद्यालय को देना होता है। लेकिन विश्विद्यालय उस मामले को टालने के लिए महाविद्यालय में पत्र वापस कर देती है। जबकि प्रधानाचार्य को उसका जवाब नहीं देना होता है। एक ही पत्र से एक ही पद पर नियुक्त कुछ कर्मियों का सत्यापन कर दिया जाता है, कुछ का छोड़ दिया जाता है। यह कोषांग की मनमानी है। जो वेतन भुगतान प्रत्येक माह के समाप्त होने पर अगले माह में प्रथम सप्ताह में होना चाहिए। वह भी दो माह तीन माह पर किया जाता है, यह सरकार की मनमानी है कि विश्वविद्यालय में भी कर्मियों के काम को लेकर दो तरह का मापदंड अपनाया जाता है। जो कर्मी विश्वविद्यालय में चक्कर लगाते हैं, बाबु लोगों को खुश करते हैं उनका काम हो जाता है। जो कर्मी घर बैठे अपना काम कराना चाहते हैं, उनका वहां कोई माई बाप नहीं है। प्रक्षेत्र स्तर पर कई बार सारी समस्याओं के समाधान हेतु पत्राचार किया गया। लेकिन कोई समाधान नहीं किया गया। इधर एक नया फरमान जारी किया गया है कि जिन कर्मियों का वेतन सत्यापन नहीं हुआ है, उनको 25 प्रतिशत राशि काटकर भुगतान किया जाएगा। यानी जिस कार्य के लिए कर्मी दोषी नहीं हैं, उसकी भी सजा उनको दी जा रही है। अपनी बात रखते रखते थक हारकर कर्मियों ने 14 अक्टूबर तक शांतिपूर्ण तरीके से धरना का कार्यक्रम रखा है। इसके बावजूद भी हमारी समस्याओं का समाधान नहीं किया गया तो बाध्य होकर अनिश्चितत कालीन तालाबंदी कर हड़ताल पर जाने पर भी निर्णय लिया जाएगा। धरना के दौरान परीक्षाएं बाधित नही हुई। लेकिन कार्यालय बिल्कुल बंद रहा, जिसके कारण कई विद्यार्थियों को बगैर काम हुए बैरंग वापस लौटना पड़ा। धरना कार्यक्रम में संघ के अध्यक्ष अरुण कुमार सिंह, सचिव अक्षय कुमार प्यारे, प्रधान लिपिक सत्येंद्र पांडेय, मदन प्रसाद वैश्य, सरफराज अहमद, कुमार दिनेश, संतोष पांडेय, आरजू खान, मनोज कुमार , विनोद कुमार, हरेंद्र सिंह, धर्मशीला देवी सहित सभी कर्मी मौजूद थे।