एक के बाद एक तीन विभागों की डीएम ने की समीक्षा, सख्त दिशा निर्देश जारी आइसीडीएस, समाज कल्याण एवं जिला बाल संरक्षण इकाई विभाग की हुई समीक्षा
दिवाकर तिवारी,
रोहतास। जब से जिलाधिकारी नवीन कुमार ने रोहतास जिले की कमान संभाली है तब से लगातार उनके द्वारा बारी-बारी से विभिन्न विभागों की समीक्षा की जा रही है। समीक्षा के दौरान योजनाओं के संदर्भ में जानकारी प्राप्त की जा रही है तथा कार्य में तेजी लाने सहित लक्ष्य को निर्धारित समय सीमा में पूर्ण करने का निर्देश भी दिया जा रहा है।इसी क्रम में गुरुवार को भी जिलाधिकारी नवीन कुमार ने जिला समाहरणालय स्थित अपने कार्यालय कक्ष में एक के बाद एक तीन विभागों की समीक्षा की। सर्वप्रथम आईसीडीएस विभाग की समीक्षा के दौरान जिलाधिकारी ने पाया कि जिले में कुल 3388 आंगनबाड़ी केन्द्र संचालित है। जिसमें 1245 केन्द्रों का अपना भवन है तथा 200 केंद्र अन्य सरकारी भवनों मे संचालित है। इस पर डीएम ने संबंधित प्रखंड शिक्षा पदाधिकारी एवं सीडीपीओ को विद्यालयों की जांच कर आंगनबाड़ी केंद्रों को विद्यालय में स्थापित करने का निर्देश जारी किया तथा जर्जर विद्यालयों का एक डेटाबेस तैयार करने की बात कही। उन्होंने कहा कि पोषण ट्रैकर ऐप में जितने बच्चों की संख्या दर्ज है, उतने हीं बच्चों की पोषाहार राशि डीबीटी के माध्यम से स्थानांतरित की जायेगी। यदि संख्या बढ़ाकर अंकित की गई तो राशि की कटौती आंगनबाड़ी सेविका के मानदेय से की जायेगी। इसके साथ हीं डिस्ट्रिक्ट कोऑर्डिनेटर को ग्रोथ मॉनिटरिंग व होम विजिट रेट को बढ़ाने एवं आईसीडीएस विभाग के जिला प्रोग्राम पदाधिकारी को शत प्रतिशत आंगनबाड़ी केन्द्र खुलवाने के लिए निर्देशित किया गया। मुख्यमंत्री कन्या उत्थान योजनान्तर्गत शत-प्रतिशत आवेदनों का पंजीकरण नहीं होने पर डीएम ने घर-घर सर्वे करते हुए योग्य लाभुकों का पंजीकरण कराने तथा प्रधानमंत्री मातृ वंदना योजना में भी योग्य लाभुकों की प्रविष्टि 15 दिनों में करने का निर्देश दिया है।
इसके बाद डीएम द्वारा समाज कल्याण विभाग की समीक्षा की गई। जहां बताया गया कि ट्राई साईकल हेतु प्रति माह लगभग 60 आवेदन प्राप्त होते है तथा अब तक 1056 आवेदन प्राप्त हुए हैं। जिसमें से 123 आवेदनों का वेरिफिकेशन अप्राप्त है। जिसपर डीएम ने नाराजगी व्यक्त करते हुए बैनर, पोस्टर, पम्पलेट आदि के साथ प्रत्येक प्रखंड में एक एक होर्डिंग लगाने का निर्देश जारी किया। जबकि सामाजिक सुरक्षा कोषांग के तहत जिले में संचालित सभी तीन बुनियादी केन्द्रों को समय से खोलने का सख्त निर्देश देते हुए पंचायत सचिव, विकास मित्र एवं आशा कार्यकर्ता के माध्यम से यूडीआईडी कार्ड बनाने हेतु सभी दिव्यांग जनों को जागरूक करने की बात कही।
अंत में डीएम द्वारा जिला बाल संरक्षण ईकाई विभाग की भी समीक्षा की गई तथा पाया कि वर्तमान में पर्यवेक्षण गृह मे 37 एवं बाल गृह मे कुल 21 बच्चे आवासीत है। जिसको लेकर उन्होंने पर्यवेक्षण गृह के आधारभूत संरचना को सुदृढ़ करने, बच्चों के पठन- पाठन एवं कौशल विकास की गतिविधियों को बढ़ाने सहित परवरिस योजना के लाभुकों का नियमित निरीक्षण करने का निर्देश दिया।