जिले में उर्वरक की उपलब्धता पर्याप्त, किसानों की समस्याओं को लेकर कृषि विभाग के पदाधिकारी करेंगे क्षेत्र भ्रमण

दिवाकर तिवारी,

रोहतास। जिले में उरर्वक की कोई कमी नही है। वर्तमान में कुल आवश्यकता 50 हजार मीट्रिक टन की है। जबकि उपलब्धता इससे अधिक है। जिसके कारण थोक एवं खुदरा विक्रेताओं को खाद्य उपलब्ध कराने में कोई समस्या नही है। उक्त बातें जिला कृषि पदाधिकारी ने बुधवार को कृषि विभाग की एक समीक्षा बैठक के दौरान जिलाधिकारी नवीन कुमार के समक्ष कही। कृषि विभाग की समीक्षा करते हुए डीएम ने कहा कि जिले के सभी प्रखंडों में खाद्य की मात्रा उपलब्ध कराने का निर्धारण संबंधित अनुमंडल पदाधिकारी द्वारा किया जायेगा। इसके लिए जिला कृषि पदाधिकारी एक व्हाट्सएप ग्रुप का निर्माण करेंगे। जिसमे प्रखंड विकास पदाधिकारी, अनुमंडल पदाधिकारी, जिला पदाधिकारी एवं विभागीय पदाधिकारी जुड़ेगे तथा उर्वरक से संबंधित सभी जानकारियां साझा की जाएंगी। दुकान से उर्वरक निकलने से पहले पॉस पर इन्ट्री आवश्यक है तथा विक्रेता उर्वरक वितरण की पंजी भी संधारित करेंगे। उर्वरक निर्धारित विक्रय स्थल पर हीं भण्डारित होगी और घर में उर्वरक का भण्डारण कदापि नही किया जायेगा। डीएम ने कहा कि उर्वरक दुकानों के खुलने की जिम्मेवारी जिला कृषि पदाधिकारी की होगी। जबकि अंचलाधिकारी समय-समय पर सत्यापन करेंगे। इस दौरान कृषि समन्वयकों को निर्देशित करते हुए डीएम ने कहा कि किसान सम्मान निधि योजना से अधिक से अधिक किसानों को लाभान्वित करने के उद्देश्य से जिले के किसानों का डाटाबेस तैयार करें तथा प्रत्येक बुधवार एवं बृहस्पतवार को विभाग के सभी पदाधिकारी अनिवार्यरूप से क्षेत्र भ्रमण करें। जिससे किसानों की समस्याओं का निराकरण हो सके। वहीं समीक्षा के दौरान जिला उद्यान पदाधिकारी ने बताया कि जिले में कोई भी सेंटर ऑफ़ एक्सीलेंस कार्यरत नही है। यहाँ की भूमि बलुई व दोमट है। जो फल उत्पादन के लिए बेहतर है। अमरूद, आम, आवला, लिची के बाग लगाने की योजनाऐं संचालित हैं तथा आम के बाग 9.8 हेक्टेयर क्षेत्र में लगाया जा चुका है। वहीं कोचस प्रखंड में तुलसी उत्पादन के प्रति उत्सुक लोगों को संबंधित योजना से टैग करने का प्रयास किया जा रहा है। जबकि यांत्रिकीकरण के संबंध मे जिला पदाधिकारी द्वारा वित्तीय वर्ष 2023-24 मे 100 प्रतिशत लक्ष्य प्राप्त करने का निर्देश सहायक निदेशक कृषि अभियंत्रण रोहतास को दिया गया।