हाथों में मेहंदी से स्लोगन लिख ओपीडी को किया बन्द
संतोष कुमार ।
मुख्यालय स्थित अनुमंडलीय अस्पताल व पीएचसी रजौली में आशा द्वारा लगातार दूसरे दिन नौ सूत्री मांग को लेकर उग्र प्रदर्शन जारी रहा।इस दौरान अनुमंडलीय अस्पताल में ओपीडी व पीएचसी में टीकाकरण कार्य को पूर्णतः बाधित किया गया।आशा संघ की जिलाध्यक्ष सावित्री गुप्ता ने बताई कि आशा को मानदेय के रूप में प्रति माह 10 हजार रुपये व आशा फैसिलिटेटर को प्रति माह 15 हजार रुपये प्रति माह रुपये की मांग समेत अन्य नौ सूत्री मांग को लेकर प्रदर्शन जारी है।इस दौरान बृहस्पतिवार को सुबह 6 बजे से शाम 4 बजे तक विरोध प्रदर्शन जारी रहा।आशा द्वारा बाएं हाथ में मेहंदी रचाकर मोदी सरकार मुर्दाबाद एवं दाएं हाथ में नीतीश व तेजस्वी सरकार मुर्दाबाद के अलावे पारितोषिक नहीं मानदेय दो के नारे लगाए गए।आशा जिलाध्यक्ष ने बताई कि बीते 12 जुलाई से आशा अनिश्चित कालीन हड़ताल पर है।इसके अलावे केन्द्र व राज्य सरकार के कानों में जूं तक नहीं रेंग रहा है।अंततः आशा निराश होकर अस्पताल में इमरजेंसी सेवाओं को छोड़कर ओपीडी सेवा व टीकाकरण सेवाओं को बाधित कर रही है।उन्होंने कहा कि आशा से 30 दिनों तक दिन व रात काम करवाकर 20 दिन की मजदूरी दी जाती है।जिससे आशा के परिवार का भरण पोषण होना मुश्किल हो गया है।साथ ही कहा कि झारखण्ड,केरल आदि राज्यों में आशा को मानदेय दिया जा रहा है।इसी तर्ज पर बिहार की आशा को भी मानदेय मिलना चाहिए।जबतक उनकी मांगों पर सरकार विचार विमर्श नहीं करेगी,तबतक इसी तरह आंदोलन जारी रहेगा।वहीं आशा द्वारा किये जा रहे प्रदर्शन के दौरान अनुमंडलीय अस्पताल में ओपीडी के रजिस्ट्रेशन काउंटर को पूर्णतः बन्द कर दिया गया।जिससे ओपीडी में आनेवाले मरीजों को बिना इलाज के बैरंग वापस घर लौट जाना पड़ा।वहीं अस्पताल में मौजूद रहे चिकित्सक डॉ दिलीप कुमार,डॉ धीरेंद्र कुमार व डॉ नीरज कुमार मरीजों के इंतजार में ओपीडी में बैठे दिखाई दिए।इस दौरान आशा मंजू सिंह,बवीता कुमारी व फैसिलिटेटर बनारसी देवी और संगीता कुमारी के साथ दर्जनों लोग मौजूद रहे।