मोटा अनाज प्रसंस्करण तकनीक सह मिलेट फूड फेस्ट कार्यक्रम का आयोजन

दिवाकर तिवारी ।

रोहतास। अंतरराष्ट्रीय मिलेट वर्ष 2023 के उपलक्ष्य में कृषि विज्ञान केंद्र बिक्रमगंज द्वारा मंगलवार को तीन दिवसीय मोटा अनाज प्रसंस्करण तकनीक सह मिलेट फूड फेस्ट का आयोजन किया गया। जिसकी अध्यक्षता कृषि विज्ञान केंद्र की वरीय वैज्ञानिक सह प्रधान डॉ शोभारानी ने किया। इस दौरान कार्यक्रम का उद्घाटन करते हुए डॉक्टर शोभा रानी ने बताया कि यह कार्यक्रम मोटा अनाज के प्रति जागरूकता एवं जिले में खेती को बढ़ावा देने के उद्देश्य से आयोजित किया गया है। उन्होंने मिलेट के स्वास्थ्य एवं जलवायु पर होने वाले अनुकूल प्रभावों पर भी विस्तार से चर्चा की। कार्यक्रम का मुख्य आकर्षण तरह-तरह के श्री अनाजों द्वारा तैयार पौष्टिक उत्पाद एवं अन्य प्रसंस्करण तकनीक रहा। जिसमें मड़वा का बिस्किट, हलवा, लड्डू एवं डोसा बनाने की तकनीक शामिल रही। उसी प्रकार सांवा का खीर एवं कोदो का बिरयानी एवं दलिया बनाने की तकनीक भी महिलाओं ने सीखा। कार्यक्रम में मोटे अनाजों के विभिन्न उत्पाद जैसे मड़ुवा, चीना बाजरा इत्यादि के उपज के लिए मिट्टी जलवायु आदि जैसे वैज्ञानिक दृष्टिकोण पर भी प्रकाश डाला गया। डॉ शोभा रानी ने बताया कि ग्रामीण महिलाएं मोटे अनाज से कई तरह के परसंस्कृत उत्पाद तैयार कर घर में उपयोग कर स्वास्थ्य स्तर को ऊंचा कर सकती हैं एवं उन्हें बाजार में बेचकर आय अर्जन का सहारा भी बना सकती हैं। मौके पर उपस्थित तृप्तम नेचुरल फूड, बेगूसराय से आए हुए मनीष कुमार सिंह एवं नवनीत कुमार ने मोटे अनाज की उपलब्धता विपणन एवं मूल्यवर्धन पर विशेष रूप से जानकारी दी। वहीं प्रशिक्षण कार्यक्रम में 40 महिला कृषकों एवं जीविका दीदियों ने बढ़ चढ़कर भाग लिया। प्रशिक्षण के दौरान उपस्थित वैज्ञानिक आर के जलज ने मोटे अनाज की आर्थिकी पर चर्चा करते हुए कहा कि प्रति बीघा ऐसे अनाजों के उत्पादन पर धान एवं गेहूं फसल की तुलना में अधिक आमदनी प्राप्त होती है। मृदा वैज्ञानिक डॉ रामाकांत सिंह ने जिले में होने वाले मोटे अनाज की खेती के बारे में उपस्थित महिला कृषकों को बताया। जबकि डॉ रतन कुमार उद्यान वैज्ञानिक ने अनाज वाली फसलों जैसे चावल, गेहूं, मक्का इत्यादि के स्थान पर मडुवा, बाजरा इत्यादि अनाज का सेवन करने की सलाह दी। मौके पर अभिषेक कौशल, राकेश कुमार, हरेंद्र कुमार सहित अन्य लोग उपस्थित रहे।