जिलाधिकारी ने सीओ नगर को प्रश्नगत भूमि को 15 दिनों के अंदर अतिक्रमणमुक्त कराने का निर्देश
जिलाधिकारी ने सीओ नगर को प्रश्नगत भूमि को 15 दिनों के अंदर अतिक्रमणमुक्त कराने का निर्देश
द्वितीय अपील की सुनवाई के क्रम में कार्य में कोताही बरतने वाले सीओ एवं आरओ पर जिलाधिकारी ने लगाया 5-5 हजार रुपए का अर्थदंड।
गया।लोक शिकायत निवारण अधिकार अधिनियम, 2015 द्वितीय अपील के तहत ज़िला पदाधिकारी, गया डॉ० त्यागराजन एसएम द्वारा वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से कुल 50 मामलों की सुनवाई की गई है।
फक्कड़ मांझी, गया द्वारा अतिक्रमणमुक्त कराने के संबंध के आवेदन दिया गया था। आज सुनवाई में सीओ नगर द्वारा प्रश्नगत भूमि को अतिक्रमणमुक्त नही कराने के कारण जिलाधिकारी ने 5000 का अर्थदंड अधिरोपित किया गया है।चंदन कुमार पासवान, बोधगया द्वारा परिमार्जन वाद से संबंधी शिकायत दर्ज किया गया हू। आज सुनवाई के क्रम में बोधगया के सीओ और आरओ अनुपस्थित पाए गए, जिसपर जिलाधिकारी ने दोनो पदाधिकारियों पर 5-5 हजार रुपए का दंड लगाया गया है।बाल गंगाधर, बाराचट्टी द्वारा सरकारी भूमि को अतिक्रमणमुक्त कराने के संबंध में वाद दायर किया गया है। आज सुनवाई में बाराचट्टी सीओ और आरओ अनुपस्थित पाए गए, जिस कारण जिलाधिकारी द्वारा 5000-5000 रुपए का अर्थदंड लगाया गया है।संतोष कुमार केसरी, मोहनपुर ने शिकायत किया की सरकारी भूमि को अतिक्रमणमुक्त नहीं कराया जा रहा है। जिलाधिकारी द्वारा आज सुनवाई में सीओ मोहनपुर पर 5000 का अर्थदंड लगाया गया है।
वजीरगंज के सुरेन्द्र कुमार द्वारा प्रधानमंत्री आवास योजना का लाभ नहीं मिलने के संबंध में शिकायत दर्ज किया गया है। डीएम ने निदेशक डीआरडीए को उक्त मामले का स्थलीय जांच करने हेतु निर्देश दिया।
खिजरसराय के विनोद शर्मा द्वारा 15वीं वित्त आयोग की राशि से कराए गए कार्य का भुगतान नहीं करने के संबंध में आवेदन दिया गया है ।जिसमे डीएम ने बीपीआरओ खिजरसराय को निर्देश दिया की एमबी के अनुसार कराए गए कार्य का भुगतान करना सुनिश्चित करेंगे।
गोदावरी, गया के राज कुमार द्वारा सरकारी जमीन को अतिक्रमणमुक्त कराने के संबंध में शिकायत दर्ज किया गया। जिलाधिकारी ने नगर आयुक्त, गया नगर निगम को उक्त भूमि का जांच करते हुए जांच प्रतिवेदन उपलब्ध कराने का निर्देश दिया गया था। आज सुनवाई में नगर आयुक्त द्वारा जांच प्रतिवेदन समर्पित किया गया, जिसपर जिलाधिकारी ने सीओ नगर को प्रश्नगत भूमि को 15 दिनों के अंदर अतिक्रमणमुक्त कराने का निर्देश दिया।