जहानाबाद में मनरेगा योजना में मची है लूट, मामले को छुपाने के लिए पदाधिकारी द्वारा भी बोला जाता है झूठ
रजनीश कुमार ।
जहानाबाद : जिले के मखदुमपुर प्रखंड के पूनहदा पंचायत में मनरेगा योजना में एक बड़ा मामला प्रकाश में आया है। जहां श्मसान घाट पर तालाब का निर्माण कराने की बात सामने आई है। यही नहीं मामले में चौंकाने वाली बात सामने आई है। जहां तालाब खुदाई के नाम पर एक वर्ष पूर्व ही बीना तालाब खुदाई के ही चार किस्तो में एक लाख तेईस हजार छ सौ पचास रुपए की निकासी कर लिया गया।
मिली जानकारी अनुसार के अनुसार मखदुमपुर प्रखंड के पूनहदा पंचायत के बार्ड न 12 ग्राम भगवान ख॑दा में निजी जमीन के नाम पर,जिसका खाता न नया –152 पुराना 21 प्लौट न नया 50 पुराना 25 एराजी 01 एकड़ 11 डी जो सर्वे खतियान में मुर्द घटी है। तालाब के नाम पर वर्ष 22–23 योजना नo 0506004022/आई एफ 2064780 ग्राम भगवान ख॑दा अशोक यादव के निजी जमीन में तालाब का निर्माण कार्य दर्शाया गया है।पर॑तु जब तालाब का निर्माण निजी जमीन में खुदाई कराने की योजना बनाई गई है,तो यहां सवाल उठता है कि बिना अनापत्ति प्रमाण पत्र जारी किए,किस परिस्थिति में तालाब का खुदाई कार्य किया गया।
वही उक्त खाता,पलौट सर्वे खतियान में मुर्द घटी बताया जा रहा है। वही चौंकाने वाली बात सामने आई है चूंकि उक्त कार्य के नाम पर वर्ष 2022 में ही मास्टर रौल दिनांक 6/4/2022 से 21/4/22 को पहली क़िस्त में 33,600 रुपए की निकासी किया गया है। वही क्रमशः चार किस्तो में 1,23,650 रुपए बिना स्थल पर कार्य कराए ही पैसा निकाल लेने की बात सामने आई।
यहां यह बता दें कि जब बिना कार्य कराए पैसा निकालने की बात सामने आई और ग्रामीणों द्वारा मामला जब प्रकाश में आया, और उप विकास आयुक्त जहानाबाद को लिखित आवेदन देकर जांच की मांग किया गया, तो आनन फानन में रातो रात उपर दर्शाया गया पलौट पर तालाब की खुदाई करा दिया गया।यही नहीं ग्रामीणों ने बताया कि जब इस बात की लिखित आवेदन देकर जांच की मांग उप विकास आयुक्त जहानाबाद से किया गया तो,एक जांच टीम भी स्थल पर पहुंच मामले की जानकारी लिया गया।पर॑तु जांच के नाम पर खानापूर्ति कर इतिश्री कर देने की बात भी सामने आई है। इस बात की जानकारी हेतु मखदुमपुर मनरेगा पी ओ से पुछा गया तो चौंकाने वाली बात सामने आई।
उन्होंने बताया कि तालाब की खुदाई वर्ष 2022 में ही कराई गई है।और उन्होंने जानकारी देते हुए बताया कि तालाब का खुदाई निजी जमीन में किया गया है। तथा तालाब की खुदाई एक वर्ष पूर्व में ही किया जा चुका है। ऐसा प्रतीत होता है कि एक झूठ को छिपाने के लिए पुनः झूठ का सहारा लिया गया है। ग्रामीणों द्वारा पुछने पर बताया गया कि जब मामला का खुलासा हुआ और जांच हेतु आवेदन दिया गया तो हाल फिलहाल में तालाब की खुदाई रातो रात करा दिया गया। वही तालाब की तस्वीर में साफ नजर आ रहा है कि तालाब की खुदाई हाल फिलहाल में किया गया है। इतना ही नहीं तालाब पर कोई बोर्ड भी नहीं लगाया गया है। जिससे साफ प्रतित होता है कि झूठ को छिपाने में बार बार झूठ का सहारा पदाधिकारी द्वारा भी लिया जा रहा है।मामला चाहे जो कुछ भी हो लेकिन सवाल यहां यह उठता है कि,जब निजी जमीन में तालाब की खुदाई की योजना लिया गया था,तो फिर श्मसान घाट पर तालाब की खुदाई कैसे और किस परिस्थिति में किया गया है,जो जांच का विषय है। पर॑तु पदाधिकारी द्वारा भी जब झूठ बोला जाता है तो फिर और क्या कहना।