रेरा अधिनियम को जमीनी स्तर पर प्रभावी ढंग से लागू करने में सक्रिय भूमिका निभाएं

MANOJ KUMAR.

गया : भू-सम्पदा विनियामक प्राधिकरण (रेरा), बिहार के अध्यक्ष श्री विवेक कुमार सिंह ने मगध प्रमंडल के जिलों के जिला एवं म्युनिसिपल प्रशासन से आग्रह किया है कि वे रेरा अधिनियम को जमीनी स्तर पर प्रभावी ढंग से लागू करने में सक्रिय भूमिका निभाएं।“घर/भूखंड खरीदारों के हितों की रक्षा करने के मुख्य उद्देश्य से इस अधिनियम को लागू किया गया था। इसलिए, जमीनी स्तर पर इसके प्रभावी क्रियान्वयन और अधिनियम के प्रावधानों का उल्लंघन करने वालों के खिलाफ दंडात्मक कार्रवाई करने के लिए जिला एवं म्युनिसिपल प्रशासन की भूमिका अत्यंत महत्वपूर्ण है,” रेरा बिहार के अध्यक्ष ने शुक्रवार को यहां रेरा बिहार द्वारा आयोजित एक संवेदीकरण-सह-उन्मुखीकरण कार्यशाला का उद्घाटन करते हुए कहा।

कार्यक्रम में रेरा बिहार के सदस्य श्रीमती नुपुर बनर्जी एवं श्री एस.डी. झा, मगध प्रमंडलीय आयुक्त श्री मयंक वरवड़े, गया के जिला पदाधिकारी श्री त्यागराजन एस.एम., जहानाबाद डीएम सुश्री अलंकृता पांडे, औरंगाबाद डीएम श्री श्रीकांत शास्त्री, नवादा डीएम श्री आशुतोष कुमार वर्मा, अरवल के उप विकास आयुक्त श्री रवींद्र कुमार और गया के जिला अवर निबंधक श्री राकेश सिंह शामिल हुए। कार्यक्रम में गया नगर निगम और गया प्लानिंग एरिया, बोधगया नगर परिषद, जहानाबाद नगर परिषद, औरंगाबाद नगर परिषद, नवादा नगर परिषद, अरवल नगर परिषद, शेरघाटी नगर परिषद, टेकारी नगर परिषद, वारसलीगंज नगर परिषद, हिसुआ नगर परिषद और दाउदनगर नगर परिषद के वरिष्ठ अधिकारियों ने भी भाग लिया। कार्यक्रम में क्रेडाई बिहार और बिल्डर्स एसोसिएशन ऑफ इंडिया के पदाधिकारियों ने भी भाग लिया।
रेरा बिहार की एक टीम द्वारा एक पावर प्वाइंट प्रेजेंटेशन दिया गया, जिसमें प्रतिभागियों को रेरा अधिनियम के प्रमुख प्रावधानों और रेरा बिहार के मुख्य कार्यों के बारे में जानकारी दी गई। इसके बाद, प्रस्तुति में उन बिंदुओं पर प्रकाश डाला गया, जिनके लिए जिला प्रशासन अधिनियम के प्रावधानों का पालन किए बिना रियल एस्टेट परियोजनाओं को लागू करने वाले प्रमोटरों से लोगों की रक्षा करके अधिनियम को अपनी वास्तविक भावना में लागू करने में बहुत प्रभावी भूमिका निभा सकता है। प्रस्तुति ने 2022 में संशोधित बिहार बिल्डिंग बायलॉज, 2014 के प्रावधानों का पालन सुनिश्चित करने के लिए नगरपालिका प्रशासन की महत्वपूर्ण भूमिका पर भी प्रकाश डाला।
रेरा के अध्यक्ष ने कहा, “कार्यशाला आयोजित करने का उद्देश्य एक ऐसा मंच प्रदान करना है, जहां रेरा बिहार जिला और नगरपालिका प्रशासन को रेरा अधिनियम के महत्वपूर्ण प्रावधानों के बारे में बता सके और साथ ही अधिनियम के प्रावधानों को जमीन पर लागू करने और डिफॉल्टरों के खिलाफ कार्रवाई करने में उनकी महत्वपूर्ण भूमिका को रेखांकित कर सके।” और कहा कि आने वाले महीनों में राज्य के सभी प्रमंडल मुख्यालयों में ऐसी कार्यशालाएं आयोजित की जाएंगी।
इस अवसर पर बोलते हुए रेरा बिहार की सदस्य श्रीमती नुपुर बनर्जी ने प्राधिकरण के साथ अपनी परियोजनाओं को निबंधित करने के लिए प्रमोटरों द्वारा अपेक्षित दस्तावेज प्रस्तुत करने की आवश्यकता पर बल दिया। उन्होंने नगर निगम प्रशासन से आवेदनों के त्वरित निपटान के लिए भी आग्रह किया।
रेरा बिहार के सदस्य श्री एस.डी. झा ने कहा कि प्राधिकरण एक ऐसा मंच उपलब्ध करा रहा है, जिसके माध्यम से घर/भूखंड खरीदार अपनी शिकायतों का निवारण करा सकते हैं। उन्होंने कहा कि प्राधिकरण द्वारा आदेश जारी होने के बाद भी घर/भूखंड खरीदारों का पैसा वापस नहीं करने वाले डिफॉल्टरों पर प्राधिकरण द्वारा लगाए गए जुर्माने की वसूली में जिला प्रशासन महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकता है।
इस आयोजन के लिए रेरा बिहार के प्रयास की सराहना करते हुए मगध प्रमंडल के आयुक्त श्री मयंक वरवड़े ने कहा कि इस आयोजन से जिला एवं नगर प्रशासन को अधिनियम के मुख्य प्रावधानों को समझने का बहुत अच्छा अवसर मिला है। उन्होंने यह भी घोषणा की कि मगध प्रमंडल के सभी जिलों – गया, जहानाबाद, अरवल, औरंगाबाद एवं नवादा – को ऐसे कदम उठाने के निर्देश जारी किए जाएंगे, जिससे अधिनियम का प्रभावी क्रियान्वयन सुनिश्चित हो सके। गया, जहानाबाद, नवादा एवं औरंगाबाद के जिलाधिकारियों तथा अरवल के डीडीसी ने भी इसी प्रकार के विचार व्यक्त किए तथा रेरा बिहार से समय-समय पर विशिष्ट जानकारी साझा करने का आग्रह किया, ताकि जिला प्रशासन डिफॉल्टरों को सजा दिलाने के लिए आवश्यक कदम उठा सके।