—-मेहरवान तो गधा पहलवान संजय झा से अबतक पार्टी को कौन सा फायदा हुआ ?

SANJAY VERMA.

जनता दल यू की राष्ट्रीय कार्यकारिणी में पार्टी के अध्यक्ष नीतीश कुमार ने संजय झा को कार्यकारी अध्यक्ष बनाने का प्रस्ताव रखा जिसे सर्वसम्मति से पारित किया गया बिहार को विशेष राज्य का दर्जा देने स्पेशल पैकेज देने आरक्षण का दायरा बढ़ाने और 9 वी अनुसूची में शामिल करने के साथ कई प्रस्ताव पारित किया गया पर पूरी मीडिया में संजय झा ही छाए रहे मानो जदयू की राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक संजय झा की ताजपोशी के लिये ही बुलाई गई अब जान लीजिये संजय झा आखिर हैं कौन न वो कभी राजनीति में रहे न समाजसेवा में। मधुबनी जिले के रहने वाले हैं वो दिल्ली में रहकर अरुण जेटली की निजी सेवा में रहे इसलिये कहा जाता वो भाजपा में रहे तब अरुण जेटली बिहार के चुनाव प्रभारी थे

किंतु व्यस्तता के कारण वो संजय झा को भेज दिया करते थे तब ही वो नीतीश के निकट सम्पर्क में आये और फिर अपनी विशिष्ट खूबियों के बल पर विधान पार्षद दो बार बिहार सरकार में मंत्री राज्यसभा फिर राज्यसभा में संसदीय दल का नेता और अब नीतीश ने कार्यकारी अध्यक्ष यानी उपकप्तान बना दिया संजय झा दरभंगा से लोकसभा चुनाव लड़े बुरी तरह हार गया लगातार राजनीतिक उद्भव के बीच इसके अलावा कोई चुनाव नहीं लड़े अल्लाह मेहरवान तो गधा पहलवान संजय झा से अबतक पार्टी को कौन सा फायदा हुआ यह तो कोई नहीं जानता पर नीतीश की मेहरवानी से संजय झा फर्श से अर्श तक पहुंचने में कामयाब हो गए अब देखना होगा कि वो पार्टी का या नीतीश का कितना भला कर पाएंगे वैसे जदयू में हरिवंश के बाद संजय झा दूसरे सवर्ण नेता हैं जिन्हें नीतीश ने खूब बढाया अन्य सवर्ण नेता ललन सिंह कैसी त्यागी विजय चौधरी तो पहले से ही नीतीश के निकटतम करीबी हैं