प्रशासनिक कारणों से अधर में लटका नगर पंचायत के प्रशासनिक भवन निर्माण कार्य,एडीएम ने दिए निर्देश

संतोष कुमार ।

नवसृजित नगरपंचायत का कार्यालय बीते तीन वर्षों से 1994 में बने अनुमण्डल कार्यालय के दो जर्जर कमरों में संचालित किया जा रहा है।इससे पदाधिकारी समेत मुख्य पार्षद,उपमुख्य पार्षद एवं वार्ड पार्षदों को आम बैठक समेत अन्य कार्यो के लिए काफी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है।नगर पंचायत में चुनाव को डेढ़ वर्ष पूरे हो गए हैं।नगर पंचायतवासियों को जनप्रतिनिधिगण मिले और क्षेत्र के विकास कार्यों में प्रगति देखने को मिल रही है।वहीं नगर पंचायत के स्टैंडिंग कमिटी एवं वार्षिक वित्तीय बैठक में भी कार्यालय निर्माण हेतु प्रस्ताव भी मुख्य पार्षद मानती देवी के द्वारा पारित किया जा चुका है।किन्तु रजौली के स्थानीय पदाधिकारियों की उदासीनता के कारण अबतक नगर पंचायत को जमीन नहीं उपलब्ध कराया गया,जिसके कारण कार्यालय निर्माण का कार्य अधर में लटका हुआ था।वहीं नगर पंचायत पदाधिकारी राजेश के द्वारा भी सीओ,डीसीएलआर एवं एसडीओ को नगर पंचायत के प्रशासनिक भवन निर्माण हेतु पत्राचार किया गया था।अब जिला प्रशासन द्वारा नवसृजित नगर पंचायत में सर्वांगीण विकास के लिए पहल किया गया है।

एडीएम नवादा चन्द्रशेखर आजाद ने बताया कि रजौली नगर पंचायत का कार्यालय पुराने अनुमण्डल कार्यालय के दो कमरों में संचालित किया जा रहा था।उन्होंने कहा कि सरकारी निर्देश के आलोक में शीघ्र ही नगर निकाय भवन के लिए प्राक्लन के अनुसार नगर परिषद हेतु न्यूनतम 15010 वर्ग फीट अथवा 1395 वर्ग मीटर भूमि तथा नगर पंचायत के लिए न्यूनतम 7403 वर्ग फीट अथवा 688 वर्ग मीटर भूमि उपलब्ध कराने का अनुरोध किया गया है।उन्होंने कहा कि अनुमंडल स्थापना के 28 साल के बाद बने नगर पंचायत रजौली के निर्माण के दो वर्षों के बाद भी ना तो कार्यपालक पदाधिकारी एवं न ही मुख्य पार्षद व उपमुख्य पार्षद द्वारा सार्थक प्रयास किया गया है।नगर पंचायत कार्यालय निर्माण को लेकर रजौली के एसडीओ,डीसीएलआर एवं सीओ को भी काफी संवेदनशील होने की आवश्यकता है।साथ ही एडीएम ने कहा कि एसडीओ,डीसीएलआर एवं सीओ को राज्य के नवगठित नगर निकायों में नगर पंचायत रजौली के प्रशासनिक भवन निर्माण हेतु न्यूनतम 7403 वर्ग फीट अथवा 688 वर्ग मीटर के भूखंड का प्रस्ताव यथाशीघ्र उपलब्ध कराने का निर्देश दिया गया है,ताकि रजौली शहरी क्षेत्र का तीव्र विकास हो सके।