हनुमान जी से हमें श्रद्धा समर्पण भक्ति और धैर्य की सीख लेनी चाहिए-मृदुला मिश्रा

विश्वनाथ आनंद ।
गया (बिहार)-गया जिला के परैया प्रखंड के अति प्राचीन गांव राजपुर में हनुमान जी की प्राण प्रतिष्ठा का कार्यक्रम वैदिक मंत्रोचार के गुंज के बीच संपन्न हुआ.इस अवसर पर राजपुर ग्राम निवासी प्रसिद्ध समाजसेवी तथा हनुमान जी की शंखमरमर पत्थर से बनी 3:5 फीट की प्रतिमा दान स्वरूप भेंट करने वाली मृदुला मिश्रा ने अपने उद्गार में कहा कि हर संकट और पीड़ा को दूर करने वाले हनुमान का पूजन-आराधन कभी निष्फल नहीं जाता. किंतु इसके लिए पूरी निष्ठा व भक्ति होनी चाहिये. उन्होंने आगे कहा कि मन, कर्म और वचन से अपनी इच्छित मनोकामना के प्रति दृढ़ रहने की आवश्यकता है.संपूर्ण धार्मिक कार्यों को विधिवत संपन्न करने वाले अंतर्राज्यीय ख्याति प्राप्त विद्वान आचार्य पंडित मृत्युंजय मिश्र के आचार्यत्व में विश्वनाथ मिश्र ,धर्मेंद्र पाठक ,रविंद्र पाठक, जितेंद्र पाठक यादि ब्राह्मणों का योगदान अत्यंत ही सराहनीय रहा. संपूर्ण इलाके में वैदिक मंत्रोचार की गूंज सुनाई पड़ रही थी.

बड़ी संख्या में इस अवसर पर भाग ले रहे लोगों को संबोधित करते हुए यज्ञ के आचार्य ने संपूर्ण लोगों के कल्याण की कामना करते हुए कहा कि जिस तरह से हनुमान जी रामनाम जप कर भगवान राम को बस में किए हुए हैं, उसी तरह हमें भी हनुमान जी की प्रसन्नता के लिए परोपकार में समर्पित होना चाहिये.हनुमान जी की भांति कर्तव्य निष्ठा को आचरण में उतारना चाहिये. उन्होंने आगे कहा कि जिन प्रमुख लोगों ने हनुमान मंदिर की प्राण -प्रतिष्ठा में अपने सहयोग एवं सहायता से समारोह को सफल बनाने में अपनी भूमिका निभाई उनमें प्रमुख लोगों में भोला सिंह, सादिकपुर कौटिल्य मंच के नीरज वर्मा, डॉक्टर सरोज सिंह, डॉक्टर अजय सिंह ,हरदेव नारायण सिंह, डॉक्टर ज्ञानेश ,विक्रम मिश्र भारद्वाज, निर्भय कुमार सिंह, अनुपमा मिश्रा, सियावर सिंह , केवल सिंह ,शशि भूषण सिंह, रामाज्ञा सिंह ,अशोक सिंह, विदेश सिंह ,रोशन सिंह ,पप्पू सिंह, कर्मेंद्र सिंह, सत्येंद्र सिंह, राम सुजान सिंह, सत्य सिंह, तुलसीन सिंह, रामप्यारे सिंह ,मनोहर सिंह, ललन सिंह, चंदू मुखि ,व्यास सिंह, मधुसूदन सिंह के अलावे बड़ी संख्या में ग्रामीण महिलाओं बच्चों ने भाग लिया. यज्ञ के यजमान के रूप में दिग्विजय सिंह एवं अरुणा देवी रहे.