आदेश की अवहेलना,रक्षाबंधन में बन्द विद्यालयों पर स्पष्टीकरण

संतोष कुमार ।

मुख्यालय समेत प्रखंड क्षेत्र के सरकारी विद्यालयों में रक्षाबंधन के अवसर पर अपर मुख्य सचिव केके पाठक के निर्देशानुसार छुट्टियां रद्द होने के बाद कई स्कूलों में शिक्षक मौजूद रहे,तो कई स्कूलों में ताला लटका हुआ मिला।वहीं खुले हुए स्कूलों में बच्चों की उपस्थिति नगण्य रहीं। शिक्षा विभाग के निर्देश पर रक्षाबंधन,हरितालिका तीज व्रत, विश्वकर्मा पूजा,कृष्ण जन्माष्टमी,भैया दूज एवं गुरु नानक जयंती जैसे त्योहारों पर मिलने वाली छुट्टियां को रद्द कर दिया गया है।जिसके कारण कहीं ना कहीं शिक्षकों के मन में आक्रोश पनप रहा है।इधर पहली बार रक्षाबंधन के अवसर पर खुले हुए स्कूलों का जायजा लेने पर कई स्कूलों में शिक्षक तो मौजूद रहे,लेकिन बच्चों की उपस्थिति नगण्य रहीं।वहीं कई स्कूलों में विभाग के निर्देशों का ठेंगा दिखाते हुए शिक्षक ताला लटकाए रहे हैं।

क्या कहते हैं खुले हुए स्कूलों के शिक्षक

खुले हुए उच्च माध्यमिक विद्यालय चिरैला के प्रधानाध्यापक नवलेश कुमार कहते हैं कि हमारे विद्यालय में 495 विद्यार्थियों का नामांकन है।लेकिन रक्षाबंधन त्यौहार होने के कारण एक भी बच्चे स्कूल में उपस्थित नहीं हुए हैं।क्योंकि रक्षाबंधन का त्यौहार भाई-बहन के एक सूत्र में बांधने का त्योहार है।बच्चों के बीच इस पर्व को लेकर अलग-अलग उत्साह पहले से हीं होता है।ऐसे में स्कूल खुलने के बाद भी बच्चों की उपस्थिति रहने के बारे में सोचना भी बेवकूफी है। प्राथमिक विद्यालय बीघा की प्रधानाध्यापिका सुधा कुमारी कहती है कि हमारे स्कूल में 64 बच्चों का नामांकन है। परंतु रक्षाबंधन पर्व होने के कारण एक भी बच्चे स्कूल खुले रहने के बाद भी पढ़ने के लिए नहीं आए हैं।वहीं स्कूल के सभी शिक्षक बच्चों के इंतजार में बैठे हुए मिले हैं। उत्क्रमित मध्य विद्यालय कुम्हारुआ के प्रधानाध्यापक सदानंद प्रसाद कहते हैं कि हमारे स्कूल में कुल 6 शिक्षक पदस्थापित है जो की स्कूल में मौजूद है।वहीं 560 बच्चों का स्कूल में नामांकन है,बावजूद एक भी बच्चे रक्षाबंधन त्यौहार के कारण स्कूल नहीं पहुंचे हैं।

बंद मिले स्कूलों के क्या कहते हैं बच्चे

रजौली प्रखंड क्षेत्र के फरका बुजुर्ग पंचायत अंतर्गत प्राथमिक विद्यालय मांगोडीह गंगटिया में ताला लटका हुआ मिला।वहीं आसपास खेल रहे स्कूली बच्चे कल्लु कुमार एवं ग्रामीण महिलाओं ने बताया कि स्कूल के प्रधानाध्यापक दिलीप रविदास एवं शिक्षिका सुनीता मैडम के द्वारा एक दिन पूर्व ही रक्षाबंधन पर छुट्टी होने की बात कह छुट्टी कर दी थी।जिसके कारण बच्चे स्कूल नहीं पहुंचे और शिक्षक मनमानी करते हुए स्कूलों में ताला लटका कर बंद किए हुए थे। मौजूद लोगों ने प्रधानाध्यापक पर स्कूल में शिक्षण कार्य के दौरान भी नशे में रहने के आरोप लगाया है।इसके अलावा बंद रहे स्कूलों में फरका बुजुर्ग पंचायत के प्राथमिक विद्यालय गागन बुजुर्ग एवं उत्क्रमित मध्य विद्यालय हथोंचक के में गेट पर ताला लगा हुआ था।हाथोचक उत्क्रमित मध्य विद्यालय के छत पर ग्रामीणों के द्वारा कपड़े सुखाए जा रहे थे। यहां न तो शिक्षक थे और न हीं एक भी बच्चे उपस्थित मिले। इन स्कूलों को देख ऐसा प्रतीत हो रहा था कि शिक्षा विभाग से कोई निर्देश यहां की शिक्षकों को नहीं प्राप्त हुआ है।जिसके कारण वे लोग मनमानी करते हुए स्कूल गेट ताला लगाकर रखे हुए थे।धमनी पंचायत के प्राथमिक विद्यालय चपहेल तथा सुदूरवर्ती जंगली पंचायत सवैया टांड़ के चटकरी, झलकडीहा एवं सपही स्थित एक विद्यालय को नहीं खोला गया था।

क्या कहते हैं प्रखंड शिक्षा पदाधिकारी

रजौली प्रखंड शिक्षा पदाधिकारी कुमुद नारायण कहते हैं कि रक्षाबंधन के दिन स्कूलों का निरीक्षण करने पहूंचे थे।इसमें कई विद्यालय खुले हुए थे,जिसमें बच्चों की स्थिति नगण्य थी।क्योंकि रजौली लोमस ऋषि पहाड़ी पर रक्षाबंधन के दिन मेला लगता है।जिसके कारण बच्चे रक्षा सूत्र बांधने के बाद मेले में घूमने चले गए थे।वहीं प्राथमिक विद्यालय कर्बला नगर समेत उक्त जो भी विद्यालय बंद थे।उनके प्रधानाध्यापकों से स्पष्टीकरण किया जाएगा। संतुष्ट पूर्ण जवाब नहीं दिए जाने के उपरांत अग्रतर कार्रवाई किया जाएगा।