रोहतास एसपी के पहल पर 48 वर्ष बाद जिले में खुलेंगे 13 नए ओपी, 1975 में हीं दी गई थी स्वीकृति

दिवाकर तिवारी ।

रोहतास। रोहतास जिले के विभिन्न थाना क्षेत्रों में अब आम लोगों की सुविधा एवं विधि व्यवस्था संधारण को देखते हुए 48 वर्ष पूर्व स्वीकृत 13 नए सहायक थाने खोले जा रहे हैं। हालांकि इन थानों को खोलने की स्वीकृति 1975 में हीं दे दी गई थी। लेकिन 48 वर्षो के अंतराल के बाद भी इसे सुचारु रुप से चालू नहीं किया गया और न हीं अबतक किसी भी डीआईजी या पुलिस कप्तान द्वारा स्वीकृत एवं प्रस्तावित सहायक थाना को अमलीजामा पहनाने हेतु पहल किया गया। जबकि बीते साढ़े चार दशकों में दर्जनों डीआईजी और एसपी ने जिले का कार्यभार संभाला और कार्यकाल पूरा होने पर उन सभी का स्थानांतरण भी हो गया। किसी ने दशकों पूर्व स्वीकृत इन धूल फांक रही फाइलों को खंगालने की जहमत नहीं उठाई। लेकिन वर्तमान में पदस्थापित रोहतास जिले के पुलिस कप्तान विनीत कुमार ने दशकों से स्वीकृत और प्रस्तावित सहायक थानों को अब सुचारू रूप से चालू करने की पहल शुरू कर दी है। जिसके लिए वे धन्यवाद के पात्र भी है। वहीं इन सहायक थानों के अब तक सुचारू रूप से चालू नहीं होने के कारणों का रोहतास एसपी ने स्पष्ट उल्लेख करने से साफ इनकार कर दिया है। लेकिन उन्होंने बताया कि इन ओपी को खोलने की स्वीकृति 1975 से हीं प्राप्त है। जिसे आजतक भौतिक रूप से चालू नही किया गया। एसपी ने बताया कि आगामी 15 अगस्त तक इन सभी सहायक थानों को सुचारु रुप से चालू करने के लिए पूरा प्रयास किया जा रहा है। जिसके तहत डेहरी अनुमंडल अंतर्गत डेहरी नगर थाना क्षेत्र में दो डेहरी टीओपी 1 और डेहरी टीओपी 2 खुलेगी। जबकि सासाराम नगर थाना क्षेत्र में तीन सासाराम टीओपी 1, सासाराम टीओपी 2 तथा सासाराम टीओपी 3 खुलेगा। इसी प्रकार नौहट्टा थाना क्षेत्र में रेहल ओपी, नासरीगंज थाना क्षेत्र में मेदनीपुर ओपी, नोखा थाना क्षेत्र में सिरिवां ओपी, नटवार थाना क्षेत्र में सिमरा ओपी, रोहतास थाना क्षेत्र में बुधुआ ओपी, चेनारी थाना क्षेत्र में उगहनी ओपी, शिवसागर थाना क्षेत्र में आलमपुर ओपी तथा तिलौथू थाना क्षेत्र में चंदनपुरा ओपी खोले जाएंगे। इस संदर्भ में पुलिस अधीक्षक कार्यालय से संबंधित थाना क्षेत्रों में सहायक थानों को खोलने हेतु निजी भवन, मासिक किराया अथवा स्वेच्छा के आधार पर भवन उपलब्ध कराने हेतु निविदा भी आमंत्रित की गई है। जिसे आगामी 14 अगस्त तक सील बंद लिफाफे में संबंधित कागजात के साथ निविदा अधोहस्ताक्षरी के कार्यालय में जमा करना होगा।उल्लेखनीय है कि लगभग 48 वर्ष पूर्व जब इन 13 नए सहायक थानों को खोलने की स्वीकृति मिली थी। तब यह इलाका पूरी तरह से नक्सल प्रभावित एवं अपराध का गढ़ माना जाता था। लूट, हत्या व अपहरण जैसी आपराधिक घटनाएं आम बात थी तथा शाम ढलते हीं लोग अपने घरों में दुबक जाते थे। लेकिन बावजूद इसके 1975 में ही स्वीकृत इन सहायक थानों को खोलने की जहमत नहीं उठाई गई। जो पुलिस प्रशासन पर कई सवाल खड़े करता है। देखा जाए तो उन दिनों रोहतास जिला बुनियादी सुविधाओं से भी पूरी तरह से वंचित था। पानी, बिजली, स्वास्थ्य, सड़क सहित अन्य सुविधाओं की हालत खस्ता थी। जिससे पुलिस प्रशासन से लेकर आम लोगों को काफी परेशानी का सामना करना पड़ता था और अपराधी बेखौफ होकर अपने मंसूबों को अंजाम देते थे। बहरहाल जिले के विभिन्न थाना क्षेत्रों में इन 13 नए सहायक थानों के खुलने से आम लोगों को काफी सहूलियत होगी तथा पुलिस को भी अपराध नियंत्रण में काफी मदद मिलेगी।