पूरे बिहार में आरसीपी सिंह खुद यात्रा कर प्रखंड से लेकर बूथ स्तर तक संगठन को मजबूत बनाएंगे

संजय वर्मा ।

पूर्व केंद्रीय मंत्री और कभी मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के वेहद करीबी रहे आरसीपी सिंह की नई पार्टी आसा विधानसभा चुनाव 2025 में अकेले अपने दम पर सरकार बनाने की रणनीति बनाने में जुट गई है ।राज्य की सभी 243 विधानसभा सीट पर उम्मीदवार उतारने की तैयारी है 150 उम्मीदवार तो अभी ही तैयार हैं जो अपने अपने चुनाव लड़नेवाले विधानसभा क्षेत्रों में खासा असर और दमखम रखते हैं ।इसके पहले राष्ट्रीय प्रांतीय संगठनों की घोषणा होगी फिर पूरे बिहार में आरसीपी सिंह खुद यात्रा कर प्रखंड से लेकर बूथ स्तर तक संगठन को मजबूत बनाएंगे उनके वेहद करीबी प्रीतम सिंह पटेल बताते हैं ।

आसा किसी तरह का समीकरण बनाने की बजाय हर जाति वर्ग को पार्टी से जोड़ेगी पिछड़ा अतिपिछड़ा दलित तो पार्टी के स्वाभाविक वोटर होंगे ही सवर्ण अल्पसंख्यक सबका साथ लेगी उन्होंने कहा कि लालू-नीतीश ने अलग अलग 35 वर्षो तक बिहार में शासन किया पर बिहार कहाँ खड़ा है यह बताने की जरूरत नही दोनों ने ही बिहार की समस्याओं की अनदेखी की और जातीय समीकरणों के बल पर शासन किया बेरोजगारी पलायन बाढ़ सुखाड़ महंगाई स्वास्थ्य जैसे मामलों की अनदेखी लगातार की गई तभी नीति आयोग ने बिहार को देश का सबसे फिसड्डी राज्य घोषित कर दिया आसा जब अपने बलबूते अपनी सरकार बनाएगी तो इन मूलभूत समस्याओं को दूर करने पर खुद को फोकस करेगी राजनीतिक समीक्षक वरिष्ठ पत्रकार सरोज सिंह का मानना है कि आरसीपी सिंह की नई पार्टी विधानसभा चुनाव में क्या कर पायेगी यह तो बताना जल्दबाजी होगी पर इतना तय है कि किसी पार्टी का समीकरण बनाएगी या किसी का बिगाड़ेगी वैसे अभी तो पार्टी बनी है पार्टी को जमीनी ताकत देने के लिये कड़ी मशक्कत करनी पड़ेगी फिलहाल चुनाव नजदीक आने के साथ ही प्रशांत किशोर की जनसुराज के बाद आरसीपी सिंह की आसा दूसरी ऐसी पार्टी है जिसने बिना किसी से गठबंधन किये बगैर सभी 243 विधानसभा क्षेत्र से उम्मीदवार उतारने का लक्ष्य रखा है प्रशांत किशोर रणनीतिकार रहे है तो आरसीपी प्रशासनिक अनुभव प्राप्त मंझे हुए राजनीतिज्ञ हैं दोनों पार्टीया वैकल्पिक राजनीति करने और वैकल्पिक सरकार देने का दम्भ भर रहे हैं।

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