धीरेंद्र शास्त्री उर्फ बागेश्वर बाबा अगर सचमुच आध्यात्मिक पुरुष हैं तो बाउंसर लेकर चलने की क्या जरूरत-विनय कुशवाहा
मनोज कुमार ।
महात्मा ज्योतिबा फुले क्रांतिकारी संघ के राष्ट्रीय संयोजक विनय कुशवाहा ने कहा कि बागेश्वर बाबा उर्फ़ धीरेंद्र शास्त्री अगर सचमुच आध्यात्मिक पुरुष हैं तो हथियार वाले बाउंसर लेकर चलने की क्या जरूरत है? बाबा से मिलने के लिए भक्तों को 7000 से 60000 तक की वसूली की जा रही है यह कैसे बाबा हैं। ऐसे बाबा ढोंग और आडंबर फैलाकर इस देश के लोगों को बेवकूफ बनाने का काम कर रहे हैं।विनय कुशवाहा ने आम जनता से अपील करते हुए कहा कि ऐसे ढोंगी बाबाओ से सावधान रहें जो धर्म के नाम पर मोटी रकम की वसूली करते हैं। जब बाबा और आध्यात्मिक पुरुष हैं तो हथियार के साथ बाउंसर लेकर चलने की क्या जरूरत है? बहुत सा वीडियो में देखा गया है कि जो बच्चे बूढ़े या आम आदमी बाबा बागेश्वर उर्फ धीरेंद्र शास्त्री को पैर छूना चाहता है तो उसे बाउंसर उठाकर के बाहर धकेल देता है। ऐसे बाबा से यह देश बर्बाद है।
आम जनता से अपील करते हुए विनय कुशवाहा ने कहा अपने बाल बच्चों को ज्योतिबा फुले एवं सावित्रीबाई फुले से सीख देना चाहिए जो सिर्फ पढ़ाई लिखाई करके सामाजिक धार्मिक एवं आर्थिक परिवर्तन की सीख दी थी। मैं किसी धर्म का विरोध नहीं करता लेकिन बागेश्वर बाबा जैसे धर्म के ठेकेदार इस देश की जनता को मुर्ख बनाकर ठगने का काम कर रहे हैं यह मैं इस देश की जनता को बताना चाहता हूं। बाबा है तो आम जनों से मिलने में क्या दिक्कत है बाउंसर को बाहर हटाइए। जो आध्यात्मिक पुरुष होते हैं उन्हें जीवन मृत्यु का कोई भय नहीं होता है।बोधगया की धरती पर ठहरने वाले बाबा बागेश्वर धीरेंद्र शास्त्री सीखना चाहिए की महात्मा बुद्ध ने अहिंसा के रास्ता पर चलकर अंगुलिमाल डाकू को भी डाकू से आध्यात्मिक पुरुष बनाया था। बुद्ध की धरती पर बाबा बागेश्वर को भी बौद्ध की दीक्षा लेना चाहिए क्योंकि दुनिया का 60 देश महात्मा बुद्ध के ज्ञान का अनुसरण किया है।