यूनिवर्सिटी ऑफ़ साउथ बिहार एवं आईआईएम में गया मे स्थानीय छात्र-छात्राओं का नामांकन आरक्षित करें केंद्र सरकार-विनय कुशवाहा
मनोज कुमार ।
राष्ट्रीय जनता दल के प्रांतीय सचिव विनय कुशवाहा ने प्रेस विज्ञप्ति जारी कर कहा कि टेकारी पंचानपुर में अवस्थित सेंट्रल यूनिवर्सिटी ऑफ़ साउथ बिहार एवं आईआईएम बोधगया में गया जिला के स्थानीय छात्र-छात्राओं का 25% नामांकन आरक्षित करें केंद्र सरकार।विनय कुशवाहा ने कहा कि सेंट्रल यूनिवर्सिटी आफ साउथ बिहार के लिए सबसे पहले आंदोलन की शुरुआत मैंने किया था बाद में सारे दलों ने मिलकर आंदोलन को तेज किया तब गया में सेंट्रल यूनिवर्सिटी आफ साउथ बिहार की स्थापना हुई। विनय कुशवाहा ने कहा कि बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार इस यूनिवर्सिटी को मोतिहारी ले जाना चाहते थे लेकिन हम लोगों ने कड़ी प्रतिकार किया जिसके करण गया में सेंट्रल यूनिवर्सिटी आफ साउथ बिहार की स्थापना हुई।
लेकिन दुर्भाग्य है की राष्ट्रीय स्तर का इसी विश्वविद्यालय में एवं आईआईएम बोधगया में गया के स्थानीय छात्र-छात्राओं का नामांकन ऑल इंडिया कोटा से होता है जिस तरह से पूरे देश के छात्र-छात्राओं का होता है।विनय कुशवाहा के अनुसार केंद्र की सरकार स्थानीय स्तर पर युवाओं के लिए 25% नामांकन आरक्षित करें तभी राष्ट्रीय स्तर का संस्थान में इस जिला के छात्र-छात्राओं का नामांकन मिलेगा और इसका लाभ मिलेगा।दिल्ली सहित अन्य राज्यों में राष्ट्रीय स्तर के संस्थान में भी वहां के छात्र-छात्राओं का कट ऑफ कम रहने के बाद भी नामांकन मिल जाता है लेकिन बिहार में ऐसी व्यवस्था क्यों नहीं? इसका जवाब बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार देंगे? केंद्र की मोदी सरकार?इस विश्वविद्यालय का स्थापना के पीछे का कारण नहीं था कि ग्रामीण क्षेत्रीय गरीबों के बाल बच्चे जो महानगर में नहीं जा सकते हैं गरीबों के कारण। वैसे छात्र-छात्राओं को राष्ट्रीय स्तर के संस्थानों में पढ़ने का मौका मिले लेकिन अभी तक राज्य की सरकार एवं केंद्र की सरकार ऐसी कोई व्यवस्था नहीं की है।अगर केंद्र की मोदी सरकार और बिहार के नीति सरकार सेंट्रल यूनिवर्सिटी ऑफ़ साउथ बिहार एवं आईआईएम बोधगया में 25% जो स्थानीय छात्र-छात्राओं का नामांकन सुनिश्चित करें नहीं तो आंदोलन की शुरुआत होगी।