डायरिया के कारण हुई चार वर्षीय बच्ची की मौत,परिजनों ने कहा लापरवाही से हुई मौत

संतोष कुमार ।

मुख्यालय एवं आसपास के क्षेत्रों में डायरिया का प्रकोप बढ़ते जा रहा है।जिसके कारण अनुमंडलीय अस्पताल में प्रतिदिन सैकड़ों मरीज ओपीडी में अपना इलाज कराने पहुंच रहे हैं।वहीं डायरिया से पीड़ित दर्जनों लोग अस्पताल परिसर में इलाजरत हैं। बुधवार को डायरिया का इलाज कराने आई एक चार वर्षीय बच्ची की मौत डायरिया के कारण इलाज के दौरान हो गई।मृत बच्ची के परिजनों का रो-रो कर बुरा हाल हो गया।अस्पताल में मौजूद लोगों ने कहा कि जबसे ओपीडी का रजिस्ट्रेशन ऑनलाइन हुआ है,तबसे चिकित्सक मरीज को कम और कम्प्यूटर को ज्यादा महत्व देते हैं।जबकि पहले ओपीडी के मरीजों के पर्ची के आधार पर एक कॉपी में लिखकर चिकित्सक दवाई आदि दिया करते थे।किंतु रजिस्ट्रेशन और इलाज की प्रक्रिया ऑनलाइन होने से चिकित्सकों की परेशानी बढ़ गई है।जिसका खामियाजा मरीजों को भुगतना पड़ रहा है।

परिजनों ने लगाया चिकित्सक पर लापरवाही का आरोप

बुधवार की सुबह लगभग 10 बजे सिरदला प्रखण्ड के कसुम्भातरी गांव निवासी संजय यादव अपनी चार वर्षीय बेटी सिया कुमारी को इलाज हेतु अनुमंडलीय अस्पताल आते हैं।अस्पताल में उन्होंने ने ऑनलाइन ओपीडी पर्चा बनवाया और अस्पताल में ड्यूटी में रहे चिकित्सक डॉ. सतीश चन्द्र सिन्हा से इलाज करवाने पहुंचे।परिजनों ने बताया कि चिकित्सक द्वारा बिना बच्ची के अच्छे से जांच किये चार प्रकार की दवाई एवं एक इंजेक्शन लिखकर दवा लेकर घर जाने को कह दिया।अस्पताल से दवाई घर ले जाने के क्रम में बच्ची की तबियत ज्यादा खराब हो गई।जिसके बाद परिजन पुनः अस्पताल आकर चिकित्सक से मिले और बच्ची के हालात को देखते हुए उसको भर्ती कर स्लाइन आदि किया जाने लगा।किन्तु बच्ची की स्थिति सुधरने के बजाय और बिगड़ती ही चली गई।हालांकि दोपहर साढ़े बारह बजे अस्पताल में ड्यूटी में रहे डॉ. श्यामनन्दन प्रसाद एवं जीएनएम के अलावे अन्य स्वास्थ्यकर्मी के अथक प्रयास के बाद भी बच्ची को नहीं बचाया जा सका।अंततः चिकित्सक ने बच्ची को मृत घोषित कर दिया।बच्ची के मृत होने की खबर सुनते ही परिजन फूट-फूट कर रोने लगे।मृत बच्ची के चाचा सुनील कुमार ने अस्पताल के चिकित्सक पर इलाज के नामपर लापरवाही का आरोप लगाया है।साथ ही अग्रतर कार्रवाई के लिए वरीय पदाधिकारी से शिकायत की बात कही है।

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