नया कानून आज की जरूरत: भीखूभाई दलसानिया

विशाल वेभव ।

पटना। विगत 1 जुलाई, 2024 से अधिसूचित किये गए भारतीय साक्ष्य सहिंता अधिनियम, भारतीय नागरिक सहिंता अधिनियम व भारतीय न्याय सहिंता अधिनियम से जुड़े नए कानूनों को लेकर भाजपा विधि प्रकोष्ठ द्वारा एक सेमिनार का आयोजन भाजपा प्रदेश कार्यालय के अटल सभागार में सोमवार को आयोजित किया गया। सेमिनार का विषय था- ” दंड सहिंता बनाम न्याय सहिंता।” इस मौके पर भाजपा के संघठन महामंत्री भीखूभाई दलसानिया ने कहा कि कार्यक्रम में विस्तार के दौरान 33 फीसदी नए कार्यकर्ताओं को भी जोड़ा जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि हम आजाद हो गए 1947 में, लेकिन अपना तंत्र काम नहीं कर रहा था, इसलिए नए कानूनों की जरूरत थी। किसी समय में भारत को विश्व गुरु माना जाता था। सोने की चिड़िया माना जाता था। यहाँ कुछ था, तभी तो बाहर से लोग आए, नहीं रहता तो क्यों आते।

लेकिन दुर्भाग्य ये रहा कि आजादी मिलने के बाद भी यहाँ के शासकों का दृष्टि और मन पर प्रभाव हमेशा पश्चिम का रहा। हमारे यहां तो शास्त्रों में यह भी कहा गया है कि जो अच्छा है उसे प्राप्त करनी चाहिए। जो कल्याणकारी है, पूरे विश्व से लेनी चाहिए। बिहार स्टेट बार काउंसिल के अध्यक्ष रमाकांत शर्मा ने कहा कि उक्त मामले में बिल लाने से पूर्व सभी संबंधित लोगों से राय ली गई। अंग्रेज जो कानून लाये थे वो था टू रूल इंडिया जबकि अभी का कानून आया है टू रन इंडिया। भारत सरकार के पटना हाई कोर्ट में एडिशनल सॉलिसिटर जनरल के एन सिंह ने भारत की परंपरा का अनुसरण करने पर बल दिया। कार्यक्रम को भाजपा एम एल सी अनिल शर्मा ने भी संबोधित किया। कार्यक्रम की अध्यक्षता प्रकोष्ठ के प्रदेश संयोजक विन्धयाचल राय ने करते हुए कार्यक्रम को जिला स्तर तक बढ़ाने की बात कही। प्रकोष्ठ के प्रदेश मीडिया प्रभारी मुकेश कुमार ने बताया कि कार्यक्रम में भाजपा के प्रदेश मंत्री रत्नेश कुमार, हरेंद्र प्रसाद सिंह, टी एन ठाकुर, संजय राम, कृष्ण मुरारी प्रसाद, कौटिल्य कुमार, मनोज कुमार सिंह समेत अन्य लोग उपस्थित थे। धन्यवाद ज्ञापन सुनील कुमार कर्ण ने किया।

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