भीआईपी प्रमुख पूर्वमंत्री मुकेश सहनी के पिता की नृशंस तरीके से की गई हत्या लॉ एंड आर्डर को लेकर गम्भीर सवाल खड़ी करती है

संजय वर्मा .

देर रात भीआईपी प्रमुख पूर्वमंत्री मुकेश सहनी के पिता की जिस लोमहर्षक नृशंस तरीके से की गई वो बिहार के लॉ एंड आर्डर को लेकर गम्भीर सवाल खड़ी करती है पूर्व में राज्य के अलग अलग हिस्सों में पत्रकारों की भी हत्या की घटनाएं घटी हैं हर रोज व्यवसायियों से लेकर आम आदमी की हत्या गाजर मूली की तरह की जा रही लूट डकैती फिरौती हर रोज हो रही है बैंकों से करोड़ो रु लुटे जा चुके है विपक्ष के नेता तेजस्वी यादव हर रोज क्राइम बुलेटिन जारी कर सरकार को आइना दिखा रहे एक एक दिन में 48 आपराधिक घटनाएं पर सरकार सत्ताधारी पार्टी 2005 के जंगल राज की दुहाई देकर इनकी खिल्ली उड़ाते है नीतीश कुमार 18 वर्षो से लगातार शासन में कुछ महीने साल छोड़ दें तो राज्य में भाजपा जदयू की ही सरकार है नीतीश कुमार ने जंगलराज को समाप्त कर कानून का राज और सुशासन का वायदा जनता से किया था

उसमे वो सफल भी हुए उनका प्रथम कार्यकाल बिल्कुल स्वर्णिम काल रहा इसे स्वीकारने या कहने में कोई हिचक नहीं पर दूसरे कार्यकाल से अबतक उनका कानून का राज और सुशासन का राज बिल्कुल ध्वस्त छिन्न भिन्न हो गया आपराधिक घटनाएं चरम पर है दारुबन्दी वाले राज में पूरे बिहार में शराब की बिक्री जमकर हो रही आये दिन लाखो करोड़ो के जो शराब पकड़े जा रहे उससे यह स्पष्ट है कि यहां हजारों में दारू माफिया पैदा हो गए हर सप्ताह बैंक से करोड़ो लुटे जा रहे अब यह कुतर्क नहीं चलेगा कि पहले जंगलराज था लालू यादव की बेटी ने ठीक कहा कि पहले जंगलराज था अब राक्षस राज है मुकेश सहनी के पिता की नृशंस हत्या यह स्पष्ट संकेत दे रहा कि यहां कानून नहीं अपराधियों का राज है सुशासन नहीं कुशासन है पानी सिर से ऊपर बह रहा हालात को गम्भीरता संवेदनशीलता से नही लिया गया तो और भी बड़े वारदात को अंजाम दे सकते क्योंकि उनका इरादा सातवें आसमान पर है तो सरकार का इकवाल सवालों के घेरे में?

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