11 जुलाई से 31 जुलाई तक जनसंख्या स्थिरता पखवाड़ा
मनोज कुमार ।
पुरुष परिवार नियोजन की समझ को बढ़ाये, महिलाओं पर न हो इसका पूरा भार
गर्भावस्था से संबंधित स्वास्थ्य जोखिमों को रोकता है परिवान नियोजन
गया, महिलाओं के प्रजनन स्वास्थ्य के लिए परिवार नियोजन के विचार को समझना जरूरी है। परिवार नियोजन की समझ को विकसित करने के लिए पुरुषों को भी आगे आने की जरूरत है। परिवार नियोजन का भार सिर्फ महिलाओं पर छोड़ देना सही नहीं है। परिवार नियोजन से स्वस्थ्य परिवार का निर्माण होता है। किसी महिला को लगातार बच्चे होने की तुलना में अंतराल रखने वाली महिलाओं का स्वास्थ्य और उनके बच्चे भी सेहतमंद होते हैं। मां और बच्चे के शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य पर इसका सकारात्मक असर पड़ता है। मेडिकल सांइस ने माना है कि कम से कम तीन साल का अंतराल मां और बच्चों के स्वास्थ्य के लिए महत्वपूर्ण है। पति पत्नी दोनों को परिवार नियोजन के स्थायी और अस्थायी साधनों के इस्तेमाल की जानकारी होनी चाहिए। इस विषय पर पर झिझक नहीं बल्कि खुल कर जानकारी लेने की कोशिश होनी चाहिए ताकि एक स्वस्थ्य समाज का निर्माण किया जा सके। यह बातें विश्व जनसंख्या दिवस के मौके पर सिविल सर्जन के निर्देश पर आयोजित परिवार नियोजन मेला के उदघाटन कार्यक्रम के दौरान डीआईओ डाॅ राजीव अंबष्टा ने कही। उन्होंने कहा कि जिला में 11 जुलाई से 31 जुलाई तक जनसंख्या स्थिरता पखवाड़ा का आयोजन किया जा रहा है। इस वर्ष जनसंख्या स्थिरता पखवाड़ा का थीम विकसित भारत की नई पहचान, परिवार नियोजन हर दंपत्ति की शान है। परिवार नियोजन सेवा पखवाड़ा का उद्देश्य गर्भावस्था के स्वस्थ्य समय और अंतराल को बढ़ावा देना है।
परिवार नियोजन मेला का हुआ उद्घाटन:
वृहस्पतिवार को शहर के जय प्रकाश नारायण अस्पताल सहित जिला के सभी प्राथमिक तथा सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों पर विश्व जनसंख्या दिवस का आयोजन किया गया। इस दौरान परिवार नियोजन मेला लगा कर वहां आये लोगों को परिवार नियोजन के साधनों की जानकारी दी गयी। जेपीएन अस्पताल परिसर में परिवार नियोजन मेला का उदघाटन डाॅ राजीव अंबष्टा तथा डीपीएम नीलेश कुमार ने संयुक्त रूप से किया। इस मौके पर उनके साथ यूनिसेफ से संजय कुमार, पीरामल संस्था से अभिनव, पीएसआई से अजय कुमार, डीसीएम मनीष सहित अन्य स्वास्थ्य अधिकारी तथा कर्मचारी मौजूद रहे। कार्यक्रम के बाद परिवार नियोजन के प्रति जागरूकता लाने के लिए स्वास्थ्य अधिकारियों ने सारथी रथ को हरी झंडी दिखा कर रवाना किया।
सामाजिक और आर्थिक विकास से जुड़ा है फैमिली प्लानिंग:
डीपीएम ने कहा कि परिवार नियोजन सामाजिक और आर्थिक विकास से सीधे जुड़ा हुआ है। परिवार नियोजन महिलाओं को यह अधिकार देता हे कि उनके कब और कितने बच्चे हों। परिवार नियोजन के कई लाभ हैं जिनमें माता और बच्चों को बेहतर स्वास्थ्य, गरीबी के स्तर में कमी और बेहतर शिक्षित आबादी शामिल है। गर्भनिरोधक साधनों का उपाय महिलाओं के लिए विशेष रूप से युवा, कम बच्चों वाली महिलाओं और लड़कियों के गर्भावस्था से संबंधित स्वास्थ्य जोखिमों को रोकता है। पहला गर्भधारण 20 वर्ष की उम्र में तथा दो बच्चों में तीन साल के अंतराल होने से मां और बच्चों के स्वास्थ्य को भी लाभ मिलता इसके साथ ही गर्भपात के छह माह बाद ही गर्भधारण के बारे में विचार करना चाहिए। गर्भनिरोधक के उपयोग से मातृ मृत्यु की संख्या में लगभग बीस से तीस प्रतिशत की कमी हो सकती है। डीसीएम मनीष कुमार ने बताया कि जिला में परिवार नियोजन सेवा पखवाड़ा के दौरान प्रत्येक प्रखंड को बंध्याकरण तथा नसबंदी का लक्ष्य दिया गया है। इसमें प्रत्येक प्रखंड को पांच नसबंदी का लक्ष्य दिया गया है। जिला में एक हजार 925 बंध्याकरण का लक्ष्य है.