आरक्षण का दायरा बढ़ाया गया ताकि हमारा जो दलित , पिछड़ा – अति पिछड़ा समाज जो अभी तक हाशिए पे रहा है , वो अगली पंक्ति में आ सके
ADITYA PASWAN ।
जिन प्रतिभाओं को समाज और राजनीति में अगली पंक्ति में आने का उतना सशक्त मौका नहीं मिलता है वो शायद आरक्षण का दायरा बढ़ने से मिलता लेकिन जैसे ही आरक्षण का दायरा बढ़ा तो आरक्षण विरोधी शक्तियां तुरंत खड़ी हो गई इसके विरोध में और अंततः न्यायालय के माध्यम से इसे असंवैधानिक करार देकर रोक लगा दिया गया ।मुझे लगता है की आज बिहार की राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन की सरकार इसको लेकर गंभीर नहीं है क्योंकि अगर सरकार या मुख्यमंत्री इस विषय पे गंभीर रहते तो विधानसभा में विधेयक पारित करा के इसे कानून का रूप दे देते लेकिन ऐसा हुआ नहीं और ऐसा होगा इसकी भी उम्मीद नही है क्योंकि नीतीश कुमार जी अनलोगों की गोद में है जिन्होंने हमेशा आरक्षण का विरोध किया है ।
आज केंद्र की सरकार जनता दल यूनाइटेड के समर्थन से चल रही है तो क्या नीतीश कुमार जी इसे संविधान की नौवीं अनुसूची में आराम से शामिल नहीं करा देते ताकि ये बढ़ा हुआ आरक्षण लागू हो जाता ?क्या आज भाजपा उस स्थिति में है की नीतीश कुमार जी के मांग को ठुकरा सके ?
अगर नही तो क्या इसे मुख्यमंत्री बिहार के दोहरे चरित्र की राजनीति नहीं कहलाएगी की मौका रहते उन्होंने बहुजनों को न्याय नही दिया ?आज जो सुप्रीम कोर्ट में अपील करने की बात है वो सिर्फ एक छलावा है जिससे जनता को बेवकूफ बनाया जायेगा इसलिए बहुजन समाज को इस चीज को समझ के जागना होगा और श्री राहुल गांधी जी के हाथ को मजबूत करना होगा क्योंकि कांग्रेस ही वो पार्टी है जिसने देश में दलितों को आरक्षण दिया , एससी/एसटी एक्ट दिया और कांग्रेस फिर से सत्ता में आने के बाद दलितों एवं बहुजनो को उसकी संख्या के हिसाब से उसकी हिस्सेदारी देगी.
आइए साथ मिलकर एक नए भारत का निर्माण करते हैं जहां बहुजन को उसका हक और हिस्सेदारी मिल सके ।
संघर्ष की नई गाथा लिखते हैं ।
आप सभी का भाई
आदित्य पासवान
अध्यक्ष
बिहार प्रदेश कांग्रेस सेवादल यंग ब्रिगेड