ज़िला पदाधिकारी ने जिला स्तरीय सतर्कता एवं अनुसंधान समिति के सभी माननीय सदस्यों का स्वागत किया

मनोज कुमार ।

गया, 02 जुलाई 2024, जिला पदाधिकारी गया डॉ० त्यागराजन एसएम द्वारा समाहरणालय सभाकक्ष में अनुसूचित जाति एवं अनुसूचित जनजाति अत्याचार निवारण अधिनियम 1989 के तहत गठित जिला स्तरीय सतर्कता एवं अनुश्रवण समिति की बैठक का आयोजन किया गया। ज़िला पदाधिकारी ने जिला स्तरीय सतर्कता एवं अनुसंधान समिति के सभी माननीय सदस्यों का स्वागत किया।
वित्तीय वर्ष 2024- 25 में इस अधिनियम के तहत प्रथम किस्त कुल 157 लाभुकों को एवं द्वितीय क़िस्त कुल 36 लाभुकों को दिया गया। इस प्रकार राज्य में गया जिला में सर्वाधिक पीड़ितों को लाभान्वित किया गया है। इस पर कुल 01 करोड़ 28 लाख 64 हजार 9 सौ रुपये का व्यय हुई है।
हत्या के कुल 06 मामले में राहत अनुदान प्रदान किया गया है। हत्या संबंधित पूर्व के मामलों में कुल 60 आश्रितों को पेंशन का भुगतान किया जा रहा है। सभी संबंधित आश्रितों को मई माह तक पेंशन भुगतान अद्यतन है। 04 नए पेंशन के मामलों की स्वीकृति का प्रस्ताव तैयार किया गया है, जल्द ही इन्हें भी पेंशन उपलब्ध करवाया जाएगा। इन सभी मामलों में यात्रा भत्ता एवं दैनिक भत्ता दिए जाने का निर्देश जिला पदाधिकारी द्वारा दिया गया, जिसकी सूची विशेष लोक अभियोजक उपलब्ध कराएंगे। वर्तमान समय में जिला कल्याण विभाग के कार्यालय में कोई भी मुआवजा लंबित नहीं है। प्रत्येक केस में न्यायालय में उपस्थित होने वाले पीड़ित को डेढ़ सौ रुपया अल्पाहार की भी राशि दी जाती है।
जिला पदाधिकारी ने कहा कि राज्य सरकार भी अनुसूचित जाति एवं अनुसूचित जनजाति के मामलों में काफी गंभीर है। सरकार के सर्वोच्च प्राथमिकता है कि संबंधित पीड़ित परिवार को तुरंत सहायता प्रदान किया जा सके। इस आलोक में सभी विभागों का दायित्व है कि निर्धारित समय के अंदर एससी एसटी के पीड़ित परिवारों को मदद दिलवाने सुनिश्चित करें।
बैठक में डीएम ने कहा कि जिस किसी केस में फरार अभियुक्त चल रहे हैं उसे तेजी से गिरफ्तारी करवाये। किसी भी हाल में चार्ज शीट दायर करने में देरी न करें। ज़िला कल्याण पदाधिकारी ने बताया कि सितंबर 2020 के बाद से scst केस में हत्या के मामले में मृतक के आश्रित को 4th ग्रेड में अनुकम्पा की नौकरी दिया जाना है। इसके लीय वैसे संबंधित मामलों में जिला अनुकम्पा समिति को कागजात हैंडओवर किये गए हैं।
वरीय पुलिस अधीक्षक श्री आशीष भारती ने बताया कि

01 जुलाई से नए कानून लागू होने से कोई भी व्यक्ति किसी भी थाने में zero FIR दर्ज कर सकते हैं। इसके अलावा कोई भी व्यक्ति अपने घर से थाने में FIR के दर्ज करा सकते हैं उसके लिये उन्हें घर से ही थाना को आवेदन करना होगा एव आवेदन देने के 3 दिनों के बाद थाने में जाकर हस्ताक्षर करना होगा। उन्होंने कहा कि scst संबंधित पिछले 5 माह में 164 गिरफ्तारी की गई है। उन्होंने कहा कि कोई भी मामला में वांछित अपराधी चाहे scst का मामला हो या अन्य मामला हो, जो भी अपराधी पुलिस के पकड़ से बाहर हैं, हर हाल में गिरफ्तार की जाएगी, कोई भी अपराधी बख्से नही जाएंगे।
डीएम ने अधीक्षक मगध मेडिकल को निर्देश दिया कि पोस्टमार्टम रिपोर्ट तैयार करने में कोई देरी नही करे, पोस्टमार्टम रिपोर्ट तैयार करते हुए जिला कल्याण कार्यालय को टाइमली भेजते रहे, जिससे scst मामले में पीड़ित परिवार को तुरंत सहायता प्रदान किया जा सके।
टिकारी नगर के चिरैली के अनुसूचित टोला में पिछले दिनों जमीन विवाद को लेकर हुई मारपीट की घटना में उसी गांव के scst समुदाय के संजय मांझी का हाथ काट दिया गया था। चुकी यह घटना काफी दुखद है। उक्त घटित मामला संज्ञान में आते ही गंभीरता से लेते हुए जिला पदाधिकारी गया डॉ० त्यागराजन एसएम के आदेशानुसार कल्याण विभाग द्वारा पीड़ित व्यक्ति को तत्काल 50150 रुपया (50 हजार 1 सौ पचास) रुपया का मुआवजा 28 जून को उपलब्ध करवाया दिया गया है। चार्ज शीट प्राप्त होते ही scst अधिनियम के तहत नियमानुसार शेष मुआवजा की राशि भी उपलब्ध करवा दी जाएगी।
ज़िला प्रशासन पीड़ित परिवार के साथ लगातार संपर्क में भी है। जिला पदाधिकारी ने यह भी बताया कि उक्त क्षेत्र के भूमिहीन परिवारों का सर्वे भी कर लिया गया है। जल्द ही उचित नियम के आलोक में भूमि बंदोबस्ती की व्यवस्था भी की जाएगी।
बैठक में बताया गया कि अनुसूचित जाति अनुसूचित जनजाति मामले के तहत कोर्ट में सुनवाई के दौरान आने वाले पीड़ित को टी०ए०/ डी०ए० दिया जा रहा है। इस प्रकार कुल 19 केस में पीड़ित को टी०ए०/ डी०ए० दिया गया है।
बैठक में वरीय पुलिस अधीक्षक गया, ज़िला कल्याण पदाधिकारी, सिविल सर्जन के प्रतिनिधि, प्राचार्य मगध मेडिकल, अभियोजन पदाधिकारी, scst थाना के थानाध्यक्ष, माननीय सदस्य डॉ० जितेंद्र कुमार, श्री राजे

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