जैव विविधता प्रबंधन समिति का राज्य स्तरीय सम्मेलन, जैव विविधता के महत्व व संरक्षण पर हुई चर्चा

दिवाकर तिवारी ।

सासाराम। जैव विविधता, वन, पौधारोपण एवं पर्यावरण संरक्षण की दिशा में जन भागीदारी सुनिश्चित करने के उद्देश्य से मंगलवार को पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन विभाग के मंत्री डॉ प्रेम कुमार की अध्यक्षता एक राज्य स्तरीय सम्मेलन का आयोजन किया गया। वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से सभी जिला, प्रखंड एवं पंचायत स्तर पर गठित जैव विविधता समितियों ने इस सम्मेलन में हिस्सा लिया तथा सभी सदस्यों को जैव विविधता के उद्देश्य व तकनीकी जानकारियों से अवगत कराया गया। पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन विभाग की सचिव बंदना प्रेयषी, प्रधान मुख्य वन संरक्षक एन जवाहर बाबू, राज्य जैव विविधता प्रबंधन समिति के अध्यक्ष भारत ज्योति एवं सचिव के. गणेश ने बारी-बारी से सम्मेलन को संबोधित कर जैव विविधता प्रबंधन के महत्व पर प्रकाश डाला और बताया गया कि पारिस्थितिकी तंत्र का सतत उपयोग व संरक्षण हीं प्रबंधन का मुख्य उद्देश्य है।

वहीं जिला स्तरीय बैठक की अध्यक्षता वन प्रमंडल पदाधिकारी मनीष वर्मा ने की। जिसमें जिले के सभी प्रखंडों और जिला मुख्यालय में वीडियो कांफ्रेंसिंग के माध्यम से सभी स्तर के समिति अध्यक्षों ने भाग लिया। सम्मेलन के संदर्भ में डीएफओ ने कहा कि पहली बार राज्य स्तर पर जैव विविधता प्रबंधन समिति के अध्यक्षों के साथ आन लाइन बैठक मंत्री की अध्यक्षता में आयोजित किया गया है और इसमें ग्राम पंचायत मानी के जैव विविधता प्रबंधन समिति के अध्यक्ष मृत्युंजय मानी को भी अपनी बातें रखने का मौका मिला। मृत्युंजय मानी ने मंत्री प्रेम कुमार को अपने मानी मॉडल से अवगत कराते हुए स्थानीय स्तर पर जैव विविधता किसान क्लब, युवा क्लब, बाल क्लब, जनप्रतिनिधि क्लब सहित कई क्लबों के गठन की बात कही। इनके अनुसार किसी क्लब के अध्यक्ष बनाए जाने पर लोग गौरवांवित होकर पर्यावरण संरक्षण के लिए कार्य करते हैं और विद्यालयों में बाल क्लब के बच्चों के माध्यम से पर्यावरण संरक्षण की बातें घर-घर पहुंचायी जा सकती है। अंत में मंत्री डॉ प्रेम कुमार द्वारा जैव विविधता सम्मेलन के क्रम में सभी पंचायत व प्रखंड के सदस्यों को संदेश पुस्तिका का भी वितरण किया गया।

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