निर्भीक पत्रकारिता स्वस्थ लोकतंत्र की जरूरत: डॉ. रश्मि प्रियदर्शनी
विश्वनाथ आनंद ।
गया( बिहार )-हिंदी पत्रकारिता दिवस के अवसर पर कवयित्री डॉ. रश्मि प्रियदर्शनी ने कहा कि निर्भीक पत्रकारिता स्वस्थ लोकतंत्र की जरूरत है। उन्होंने अपने द्वितीय काव्य-संग्रह ‘नये गीत हम गायेंगे’ में संकलित अपनी कविता “श्रेष्ठ पत्रकारिता” के माध्यम से स्वस्थ पत्रकारिता हेतु विभिन्न आवश्यक शर्तों एवं आयामों पर प्रकाश डाला। डॉ. रश्मि के अनुसार,
पत्रकारिता वही श्रेष्ठ, जो जन-जन का कल्याण करे।
रह निष्पक्ष पाठकों के समक्ष तथ्यात्मक ज्ञान धरे।।
वस्तुनिष्ठता, सत्यवादिता, मौलिकता, स्वतंत्र-उद्गार।
होते हैं संपादन और प्रकाशन के अभीष्ट आधार।।
शिक्षा का प्रसार हो, सबको मिलें सूचनाएँ अनमोल।
सोच-समझ करके परिणाम, प्रकाशित हों वक्ता के बोल।।
लोगों की रुचि के अनुरूप वही खबरें छापी जायें,
जिनसे सामन्जस्य न बिगड़े, हो एकत्व ना डाँवाडोल।।
पत्रकारिता वही श्रेष्ठ, जो हो निर्भीक तथा बेबाक।
छपे वही जिसके पीछे उद्देश्य नेक हो नीयत पाक।।
पूर्वाग्रह हो नहीं तनिक भी, जाति-धर्म का फर्क न हो।
स्वार्थसिद्धि की सनक न हो, अपराधों से संपर्क न हो।।
अगर मीडियावाले प्रण ले लें, लाने को नया सुधार।
न्याय मिलेगा जनता को, मिट जायेगा हर भ्रष्टाचार।।
पारदर्शिता और संतुलन, सदा चाहते पाठकगण।
पत्रकारिता दिखलाती समाज को सदा सत्य दर्पण।।
उन्होंने हिंदी पत्रकारिता दिवस के अवसर पर तमाम पत्रकार बंधुओं को हार्दिक बधाई एवं शुभकामनाएं दीं।