काराकाट संसदीय क्षेत्र से महागठबंधन प्रत्याशी राजाराम कुशवाहा ने भरा नामांकन कहा – बीजेपी के रहते संविधान सुरक्षित नहीं अब तक कुल तीन प्रत्याशियों ने भरा नामांकन पत्र
दिवाकर तिवारी,
सासाराम। काराकाट लोक सभा क्षेत्र के लिए बीते मंगलवार को जारी अधिसूचना के बाद नामांकन के दूसरे दिन महागठबंधन प्रत्याशी राजाराम कुशवाहा सहित एक निर्दलीय प्रत्याशी इंद्र राज यादव ने जिला निर्वाचन पदाधिकारी के समक्ष अपना-अपना नामांकन पत्र दाखिल कर दिया। नामांकन को लेकर जिला समाहरणालय परिसर में सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम किए गए हैं तथा समाहरणालय के मुख्य द्वार से लेकर नामांकन कक्ष तक दंडाधिकारियों के साथ पर्याप्त पुलिस बल की तैनाती भी की गई है। बता दें कि दोपहर बारह बजे के करीब महागठबंधन उम्मीदवार राजाराम कुशवाहा अपने लाव लश्कर के साथ जिला समाहरणालय परिसर पहुंचे। जहां सुरक्षाकर्मियों ने माले नेता राजाराम कुशवाहा के समर्थकों को समाहरणालय के मुख्य द्वार पर हीं रोक दिया तथा सिर्फ उम्मीदवार व उनके चार प्रस्तावकों को अंदर जाने की इजाजत दी गई। इस दौरान नामांकन को लेकर बनाए गए निर्वाचन हेल्प डेस्क सहित अन्य काउंटर पर पहले फॉर्म की जांच की गई तत्पश्चात उन्हें जिलाधिकारी सह जिला निर्वाचन पदाधिकारी नवीन कुमार के कक्ष में भेजा गया। जहां उन्होंने अपना नामांकन पत्र दाखिल किया। इससे पूर्व इंद्र राज यादव उर्फ पप्पू यादव ने भी काराकाट संसदीय क्षेत्र से निर्दलीय प्रत्याशी के रूप में अपना नामांकन पत्र जिला निर्वाची पदाधिकारी के समक्ष दाखिल किया तथा नामांकन के दूसरे दिन सिर्फ दो प्रत्याशी हीं नामांकन किए। वहीं नामांकन पत्र दाखिल कर समाहरणालय परिसर से बाहर निकलते हीं उम्मीदवारों के समर्थकों ने अपने उम्मीदवार के समर्थन में खूब नारे लगाए तथा उनका फूल माला से स्वागत भी किया। नामांकन कक्ष से बाहर आने पर बातचीत के क्रम में राजाराम कुशवाहा ने कहा कि आज देश के सामने लोकतंत्र और संविधान बचाने का सवाल उत्पन्न हो गया है। देश में खेती किसानों के हाथ में रहे और नौजवानों के लिए एक सम्मानजनक रोजगार सबसे बड़ा मुद्दा है। जिस पर लगातार जन समर्थन मिल रहा है। इसके साथ हीं खेती को किसानों के लिए लाभकारी बनाने की आवश्यकता है ताकि किसानों को आत्महत्या न करना पड़े। वहीं काराकाट में त्रिकोणीय लड़ाई के सवाल पर उन्होंने कहा कि इंडिया गठबंधन का किसी से कोई मुकाबला नहीं है। देश की जनता संविधान एवं लोकतंत्र को बचाना चाहती है और बीजेपी के रहते संविधान सुरक्षित नहीं रह सकता।