वैश्य संगठनों के नेता बने हैं नपुंसक

संजय वर्मा ।

वैश्य मतलब बनिया ,वैश्य के न जाने कितने संगठन हैं गिनना मुश्किल है मतलब हर नेता एक दुकान चला रहा वैश्य के नाम पर अपना नेतागिरी को चमका रहा वैसे ही हर उपजातियों का भी अपना संगठन है इनके जरिये अपनी जातियों का कितना भला करते हैं वहीं जानें वैश्य के अधिकांश नेता बतानेवाले भाजपा के हैं सुशील मोदी,गंगा प्रसाद तारकिशोर प्रसाद संजीव चौरसिया डॉ संजय जायसवाल पवन जायसवाल बगैरह। सब के सब नक्कारे मक्कार नपुंसक लोकसभा चुनाव में टिकट वितरण से पहले ही शिवहर की सांसद रमा देवी का टिकट काट दिया गया सीटों की अदला बदली में यह सीट जदयू को दे दिया और जदयू ने बाहुबली आनन्द मोहन की पत्नी को टिकट दिया ।

इसी तरह जदयू ने सीतामढ़ी के सांसद सुनील पिंटू का टिकट काट देवेशचंद्र ठाकुर को वहां से उम्मीदवार बना दिया इस तरह दो वैश्य वाहुल्य सीट से दो वैश्यों को टिकट से वेदखल कर दिया जदयू ने अपने 16 उम्मीदवारों में एक भी वैश्य को टिकट नहीं दिया जबकि वैश्य समाज को कोर वोटर माननेवाली पार्टी ने टिकट वितरण में वैश्य समाज को एक मात्र टिकट वैश्य समाज की 22% आवादी को एक सीट 10% सवर्ण को 100 फीसदी यानी 10 सीट सबका साथ सबका विकास वाली पार्टी सवर्णों के आगे नतमस्तक हो गई जबकि वैश्यों का घोर अपमान इतना सबकुछ होने के वाद भी वैश्य समाज के किसी भी संगठन का मुह तक नहीं खुलना कितना शर्मनाक है।

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