-फागुन रंगों का महीना है, यह माह  रंग ,उमंग, उत्साह और जीवन का प्रतीक है

विश्वनाथ आनंद ।
टिकारी( बिहार )- इस माह में आम का मंजर, महुआ की महक एवं फूलों के रंग से वातावरण गुलजार रहता है.प्रकृति की रंगीन छटा लोगों को मदहोश कर देती है.यह  मौसम लोगों को आंतरिक खुशी एवं सकारात्मक ऊर्जा से भर देता है.लोगों में नयी ऊर्जा का संचार होता है,इससे जीवन में नए रंग और नए लय की शुरुआत होती है. इस माह में गेहूं की फसल पक कर तैयार हो जाती है, सरसों का पीला फूल खेतों में लहलहाता रहता है, जिसे देखकर हर कोई प्रफुल्लित होते है . इस महीना में होली का त्यौहार मनाया जाता है.फागुन माह में ग्रामीण इलाकों में लोग टोली बनाकर होली का गीत गाते है. होली के सभी परंपरागत गीत भगवान राम, कृष्ण और शंकर पर आधारित है.अपने उसी परंपरा का पालन करते हुए आज माँ तारा नगरी केसपा में मंदिर प्रांगण में ग्रामीणों ने सामूहिक रूप से होली गायन कार्यक्रम किया. ग्रामीणों ने ‘राम खेले होली,लखन खेले होली’ जैसे गीतों ने सभी को झूमने के लिए विवश कर दिया.

गायक कलाकार डॉ सुबोध कुमार, देवेंद्र शर्मा, मिथिलेश शर्मा, रामानुज शर्मा सहित कई कलाकारों ने अपने गीत से सभी का दिल जीत लिया. इस अवसर पर उपस्थित लोगों ने एक दूसरे को अबीर लगाया एवं होली की शुभकामना दिया.साहित्यकार ई. हिमांशु शेखर ने कहा है कि लोकगीत हमारी संस्कृति का हिस्सा है, एवं लोकगीतों के माध्यम से समाज को भाईचारा व प्रेम का संदेश मिलता है.आज आधुनिकता की दौर में आज होली के गीतों अश्लीलता आ गई है, लेकिन माँ तारा नगरी केसपा के गायक कलाकार आज भी संस्कृति को बनाए हुए है.इस अवसर पर सेवानिवृत शिक्षक कामता शर्मा, मुखिया प्रतिनिधि अमिताभ कुमार, विक्रम कुमार सहित सैकड़ों ग्रामीण शामिल हुए.