डीएफओ और रेंजर ने हाथियों क्षेत्र से भगाया दूर,जागरूक रहें लोग
संतोष कुमार ।
प्रखण्ड क्षेत्र में झारखण्ड की रास्तों से बिहार प्रवेश करने वाले हाथी की सूचना पर लोगों में दहशत व्याप्त है।हालांकि किसी के हताहत होने की सूचना अभी तक नहीं मिली है।वहीं बीते दो दिनों से डीएफओ नवादा संजीव रंजन,प्रशिक्षु डीएफओ कृष्ण कुमार श्रेष्ठ,रेंजर मनोज कुमार,प्रशिक्षु रेंजर अनुप्रिया कुमारी व श्वेता कुमारी के अलावे महिला व पुरुष वनरक्षी जंगली क्षेत्रों में कैम्प कर रहे हैं।डीएफओ नवादा संजीव रंजन ने कहा कि बीते दो दिनों पूर्व झारखण्ड के कोडरमा के वन पदाधिकारियों द्वारा कहा गया कि जंगली क्षेत्रों के रास्ते दिबौर के जंगलों में एक हाथी प्रवेश किया है।सूचना के आलोक में वनकर्मियों की सहायता से हाथी को आबादी वाले क्षेत्र से दूर जंगली क्षेत्र में भेजने को लेकर प्रयास जारी है।उन्होंने कहा कि फुलवरिया डैम से हाथी को नावाडीह के दूर जंगल में भेजा गया है,जो सम्भवतः गया वन क्षेत्र की ओर चला गया है।साथ ही कहा कि बीते 12 घंटों से रजौली वन क्षेत्र में हाथी दिखाई नहीं दिया है।फिर भी वन कर्मियों को लगातार हाथी पर नजर बनाए रखने को निर्देशित किया गया है।डीएफओ ने कहा कि जंगली क्षेत्र के आसपास के लोगों को हाथी से बचाव को लेकर जागरूक किया जा रहा है।हाथी अपने रास्ते में आने वाले लोगों पर ही हमला करती है।ग्रामीणों से अनुरोध किया गया है कि हाथी पर ढ़ेला आदि नहीं मारना है।यदि हाथी किसी ग्रामीण को हाथी दिखे तो वे वन विभाग को जरूर सूचित करें।साथ ही ग्रामीणों से रात्रि को बाहर नहीं निकलने की सलाह दी गई है।
तीन वर्ष पहले भी हाथियों के झुंड ने रजौली वासियों को किया था परेशान
प्रखण्ड क्षेत्र में बीते वर्ष 2021 के अक्टूबर माह में हाथियों का एक झुंड रजौली क्षेत्र में प्रवेश कर गया था।जिसे आबादी क्षेत्र से जंगली क्षेत्र में भेजने के लिए वन कर्मियों के पसीने छूट गए थे।वहीं हाथियों द्वारा कुछ घरों एवं फसलों को नुकसान भी पहुंचाया गया था।अन्ततः पश्चिम बंगाल से हाथी भगाने के लिये एक विशेष टीम को बुलाया गया था।तब जाकर हाथियों को रजौली क्षेत्र से बाहर किया गया था।