गुप्त गंगा, अंतह स लि ला, फाल्गु नदी से छेड़छाड़ सनातन पर प्रहार

मनोज कुमार,

गुप्त गंगा, अंतह स लि ला के नाम से प्रसिद्ध फल्गु नदी में रबर डैम बनने से इसके पौराणिक, ऐतिहासिक, महत्ता के साथ,साथ प्रकृति एवं सनातन धर्म के साथ खिलवाड़ किया गया है ।
बिहार प्रदेश कॉंग्रेस कमिटी के प्रदेश प्रतिनिधि सह प्रवक्ता प्रो विजय कुमार मिट्ठू, जिला कॉंग्रेस उपाध्यक्ष बाबूलाल प्रसाद सिंह, विष्णु पद कॉरिडोर निर्माण संघर्ष समिति के अध्यक्ष दीपू लाल भैया, महासचिव दामोदर गोस्वामी, पार्षद प्रतिनिधि शशि किशोर शिशु, शिव कुमार चौरसिया, श्रवणपासवान, धर्मेंद्र कुमारनिराला, विद्या शर्मा, विनोद उपाध्याय, बाल्मीकि प्रसाद, विपिन बिहारी सिन्हा कुंदन कुमार, युवा कॉंग्रेस अध्यक्ष विशाल कुमार आदि ने कहा कि फल्गु नदी का नाम आते ही माता सीता का श्राप अन्तह स लि ला की बातें भारतवासियों के जुबान पर आ जाती है, जिसका जीता, जागता उदाहरण फाल्गु नदी में रबर डैम बनने से पहले हाथ से खोद कर आमजन पानी निकाल लेते थे, जो अब दस फीट खोदने पर मिलता है।
नेताओं ने कहा कि झारखंड राज्य से निरंजन एवं मो हा ने जो बोधगया के अम्मां में एक होकर फल्गु नदी के नाम से विश्व विख्यात नदी जिसमें रबर डैम बनने से पहले जगह, जगह सोई के माध्यम से शुद्ध जल साल में छह माह से ज्यादा तक मिलता था। रबर डैम बनने के बाद से बालू आना, बालू का साफ़ होना बंद हो गया, तथा अब धीरे धीरे मिट्टी एवं झ ला स का जंगल बनते जा रहा है।
नेताओं ने कहा कि रबर डैम के निर्माण के पहले सालों भर पानी की बातें कही गई थी, जो वर्षांत के समय एक, दो माह ही रहता है फिर पिंडदान की सामग्रियां, गंदगी की अम्बार,की बदबू से वहां पर खड़ा होना मुश्किल है।
नेताओं ने कहा कि सनातन धर्म के ग्रंथों में यह चर्चा है कि भगवान राम, माता सीता, भाई लक्ष्मण जब मोक्ष नागरि गया के फल्गु नदी में पिंडदान करने आए थे, भगवान राम एवं भाई लक्ष्मण समान लाने बाजार गए, तब फाल्गु नदी में राजा दशरथ प्रकट होकर पिंड की मांग माता सीता से किए, तो माता सीता ने फल्गु नदी,ब र का पेड़, एवं गौ माता को साक्षी मान कर पिंडदान कर दिया, जब बाजार से पिंडदान का सामान लेकर भगवान राम, लक्ष्मण लौटे तो माता सीता ने सारी बातें बताई तथा फाल्गु नदी, ब र के पेड़, एवं गौ माता से इसकी पुष्टि करने को कहने पर केवल ब र का पेड़ ही सच बोले जिन्हे माता सीता ने हमेशा अक्षय रहने का आशीर्वाद दिया, जो आज भी गया में अक्षय वट वृक्ष के रूप में प्रसिद्ध है, लेकिन फाल्गु नदी झूठ बोली, जिसे माता सीता ने श्राप दिया कि तुम हमेशा अन्तह सलि ला रहोगी, जो स्पष्ठ प्रमाणित है ।
नेताओं ने कहा कि रबर डैम के पास गंदगी की सफाई एवं रखरखाव हेतु अब राज्य सरकार तथा स्थानीय प्रशासन गोवा से एक्सपर्ट बुला रही है, लेकिन कोई भी एक्सपर्ट तथा पर्यावरण, पानी की श्रोत की जानकारी रखने वाले फाल्गु में रबर डैम को सही नहीं बतायेंगे।
नेताओं ने कहा कि फाल्गु में बियर बंध जो मिट्टी की ई ट , सीमेंट, से ब न ता है, वहीं पर्यावरण तथा फाल्गु के सोई के लिए सही होता है ना की रबर की पिलर से।
नेताओं ने कहा कि कई बार सूचना के अधिकार के त ह त फाल्गु नदी में रबर डैम बनने से लाभ, हानि की जानकारी मांगने पर भी कोई सटीक जवाब नहीं मिलता।

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