जिओ सिंथेटिक ट्यूब टेक्नोलॉजी के माध्यम से इस दूषित पानी को साफ कर पुनः उपयोग में लाया जाएगा

dhiraj.

गया।आइडी एटीसी चेन्नई के मैनेजिंग डायरेक्टर आर ने जल संसाधन विभाग के पदाधिकारियों के साथ दोपहर घुगरीटाल बायपास ब्रिज से मनसर्वा नाला, देवघाट गया जी डैम के डाउनस्ट्रीम एरिया सीताकुंड के समीप एवं अन्य स्थलों का निरीक्षण के पश्चात महसूस की गई की फल्गु नदी की सफाई ह एवं मनसरवा नाले के वेस्ट वाटर को पुनः उपयोग में लाने हेतु गोवा राज्य प्रदूषण नियंत्रण मंडल द्वारा उपयोग किए गए मॉडल के आधार पर गया जी डैम एवं मानसरोवर नाले के पानी को जिओ सिंथेटिक ट्यूब टेक्नोलॉजी के माध्यम से इस दूषित पानी को साफ कर पुनः उपयोग में लाया जाना आवश्यक है। इसके लिए पायलट प्रोजेक्ट के तौर पर सर्वप्रथम देवघाट के समीप फल्गु नदी में एक अदद तथा मनसरवा नाला के समीप एक अदद पायलट प्रोजेक्ट के तौर पर इस वेस्ट वाटर तथा गंदे हो रहे पानी को साफ कर पुनः उपयोग किया जाएगा। इससे न केवल पिंड सामग्रियों के कारण दूषित हो रहे हैं.

फल्गु नदी के जल को साफ किया जाएगा बल्कि नदी के जलस्तर में आंशिक वृद्धि होने की संभावना है।।इसके लिए जिला प्रशासन के तरफ से जिला पदाधिकारी गया डॉ० त्यागराजन की अध्यक्षता में तथा जल संसाधन विभाग के तरफ से मुख्य अभियंता इंजीनियर सुजीत कुमार ,अधीक्षण अभियंता इंजीनियर निखिल कुमार , कार्यपालक अभियंता इंजीनियर विकास कुमार एवं आईडीएटीसी चेन्नई के मैनेजिंग डायरेक्टर आर वीनेकेटाचालापथी के साथ इस पायलट प्रोजेक्ट पर विस्तृत चर्चा की गई तथा इसे जल्द ही धरातल पर उतारने हेतु एक सफल प्रयास हेतु कार्रवाई करने की योजना तैयार की गई। जिला प्रशासन की पहल से यह योजना बनाई जा रही है साथ ही जल संसाधन विभाग द्वारा यह कार्य क्रियान्वित कराए जाएंगे। गोवा के तर्ज पर गयाजी डैम को और साफ रखा जाएगा। यह व्यवस्था होने से मानसून सीजन के दौरान नदी की धारा से भाकर आने वाले गाद को भी काफी हद तक रोका जाएगा। जिससे देश विदेश से आने वाले तीर्थ यात्रियों को तर्पण हेतु साफ पानी मिलेगा।

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