गीता निष्प्राण आत्मा को संजीवनी प्रदान करने वाला अमूल्य ग्रंथ है- स्वामी सत्यानंद .
विश्वनाथ आनंद
गया (बिहार )-स्थानीय डॉक्टर विवेकानंद पथ गोल बगीचा स्थित आयुर्वेद चिकित्सा भवन में भारतीय राष्ट्रीय ब्राह्मण महासभा, कौटिल्य मंच द्वारा आयोजित गीता जयंती समारोह संपन्न हुआ। इस अवसर पर जिन्होंने अपने विचार प्रकट किये उनमें मंच एवं महासभा के संरक्षक सम्मानित साहित्यकार आचार्य राधा मोहन मिश्र माधव ने गीता माहात्म्य का श्लोक उद्धृत किया —
गीता सुगीता कर्तव्या किमन्यै: शास्त्र विस्तारै:।
या स्वयं पद्मनाभस्य मुखपद्माद्विनि: सृता।।
और कहा कि गीता साक्षात ईश्वर की वाणी है। विश्व का अद्वीतीय ज्ञानग्रंथ है जिसमें सनातन जीवन के ज्ञान -विज्ञान का सारतत्व बतलाया गया है।विभिन्न सामाजिक संगठनों से जुड़े भारतीय राष्ट्रीय ब्राह्मण महासभा एवं कौटिल्य मंच के राष्ट्रीय अध्यक्ष डॉ विवेकानंद मिश्रा ने कहा कि गीता में श्रीकृष्ण के समग्र विचार- दर्शन का केवल एक संदेश है, वह है परिस्थितियों को अपने अनुकूल बनाने की कला जो श्रीकृष्णा में अद्भुत है। वे एक योद्धा एवं सामाजिक क्रांति के प्रणेता हैॅ, जिनका सर्वव्यापी दृष्टिकोण है।
बोधगया शंकराचार्य मठ के स्वामी सत्यानंद गिरि ने कहा कि गीता भारतीय सनातन संस्कृति को बचाने का बहुमुखी ज्ञान -भंडार है।आचार्य वल्लभ जी महाराज ने कहा की गीता मानवीय स्वाभिमान को जगाने का अद्भुत ग्रंथ है। स्वामी गोपालाचार्य जी ने कहा कि गीता निष्काम भाव से कर्म करने की प्रेरणा देती है। लेटे बुद्धा के स्वामी जी ने कहा की गीता ज्ञान -विज्ञान का अखिल भंडार है।ख्याति प्राप्त शिक्षाविद प्रोफेसर उमेश चंद्र मिश्रा शिव ने कहा की स्वतंत्रता संग्राम के प्रेरणावाक्य कि स्वतंत्रता हमारा जन्मसिद्ध अधिकार है का स्रोत गीता ही है। ऑल इंडिया जूलॉजी साइंस के अध्यक्ष डॉ बी एन पांडे ने कहा कि मानवीय स्वाभिमान को जगाने का, सांस्कृतिक दमन को रोकने का एकमात्र स्रोत गीता ही है । प्रमुख समाजसेवी जाने-माने शिक्षा भी नवादा विधि महाविद्यालय के संस्थापक प्रधानाचार्य डॉक्टर डीएन मिश्रा ने कहा की विश्व व्यापी संपूर्ण समस्याओं का समाधान का सूत्र एकमात्र गीता में ही है।जाने- माने कवि साहित्यकार डॉ राम सिंहासन सिंह ने कहा की गीता पीड़ित प्राणियों की रक्षा का अमूल्य ग्रंथ है ।मंच के संरक्षक शिवचरण डालमिया ने कहा कि गीता जीवन के व्यवहारिक मार्ग की अमूल्य निधि है। ज्योतिष शिक्षा एवं शोध संस्थान के निर्देशक डॉक्टर ज्ञानेश भारद्वाज ने कहा की गीता व्यक्ति , समाज और राष्ट्र के प्रबंधन तथा जनमानस को पथ प्रदर्शित करने वाला महान ग्रंथ है। समाजसेवी किरण पाठक ने कहा की गीता साहस और धैर्य को प्रेरित करने वाला ग्रंथ है।प्रियंका मिश्रा ने कहा कि गीता सनातन संस्कृति का वह महान, अमूल्य ग्रंथ है जिसमें जीवन जीने की सर्वश्रेष्ठ कला है।इसके अलावा बड़ी संख्या में लोगों ने भाग लेकर गीता को राष्ट्रीय ग्रंथ घोषित करने की मांग सरकार से की, उन प्रमुख लोगों में कौटिल्य मंच झारखंड की सचिव अपराजिता मिश्रा के अलावा सिद्धनाथ मिश्रा मिश्रा डॉ मंटू मिश्रा डॉ राजेंद्र मिश्रा प्रोफेसर रीना सिंह गजाधर लाल पाठक कटरियार गणेश मिश्रा आशुतोष मिश्रा शंभू गिरी नीरज वर्मा पवन मिश्रा देवेंद्र नाथ मिश्रा रंजीत पाठक नेहा कुमारी मनीष मिश्रा कविता राऊत पियूषा गुप्ता डिंपल कुमारी रूबी देवी प्रेमलता कुमारी अंबिका अपर्णा मिश्रा डॉ मृदुला मिश्रा प्रोफेसर संगीता सिन्हा विश्वजीत तारा चक्रवर्ती प्रेरणा मराठे अच्युत मराठे पूजा कुमारी धीरज वर्मा नीलम कुमारी पुष्पा गुप्ता गुप्तेश्वर ठाकुर फूल कुमारी संगीता कुमारी इत्यादि उल्लेखनीय थे.