सांसदों के निलंबन के विरोध में इंडि गठबंधन का एक दिवसीय धरना
दिवाकर तिवारी ।
सांसदों का निलंबन लोकतंत्र एवं संविधान व्यवस्था के खिलाफ।
रोहतास। देश के उच्च एवं निचले सदन में सभापति द्वारा निलंबित किए गए 143 सांसदों के विरोध में शुक्रवार को इंडि गठबंधन के नेताओं ने जिला समाहरणालय के समक्ष एक दिवसीय धरना दिया। धरना का उद्देश्य केंद्र सरकार के लोकतंत्र एवं संविधान विरोधी हरकतों का विरोध करना था। जहां धरने पर बैठे कांग्रेस जिलाध्यक्ष कन्हैया सिंह ने कहा कि भाजपा ने जो देश की जनता के साथ वादा किया उसे आज तक पूरा नहीं किया गया और जब हमारे सांसद सवाल करते हैं तो उन्हें निलंबित किया जाता है। देश बेरोजगारी, महंगाई एवं गरीबी से जूझ रही है तथा किसानों की हालत दिन प्रतिदिन बदतर होती जा रही है लेकिन प्रधानमंत्री देश की जनता को गुमराह कर रहे हैं।
वहीं जनता दल यूनाइटेड के जिलाध्यक्ष अजय सिंह कुशवाहा ने कहा कि सांसदों का निलंबन लोकतंत्र की हत्या के समान है। केंद्र सरकार पूरी तरह तानाशाह एवं निरंकुश हो गई है और विपक्ष की आवाज को दबाया जा रहा है। अगर सांसदों के निलंबन को वापस नहीं लिया जाता है तो गठबंधन के नेता रणनीति तैयार कर आंदोलन को और तेज करेंगे।
उन्होंने कहा कि आने वाले चुनाव में जनता भारतीय जनता पार्टी के इस बर्बरता की सजा उसे जरूर देगी।जबकि राष्ट्रीय जनता दल के रोहतास जिला अध्यक्ष रामचंद्र ठाकुर ने कहा कि अगर सरकार अपना रवैया नहीं बदलती है तो गठबंधन के नेता अब जेल भरो अभियान चलाएंगे। इसके अलावा धरने को सीपीआईएम एवं सीपीआई-एमएल के नेताओं एवं कार्यकर्ताओं ने भी अपना समर्थन दिया तथा सभी ने सांसदों के निलंबन को लोकतंत्र और संविधान व्यवस्था के खिलाफ बताया। बता दें कि धरने से पूर्व इंडिया गठबंधन के नेताओं ने शहर के कुशवाहा सभा भवन से एक रैली भी निकाली तथा सड़कों पर केंद्र सरकार के खिलाफ नारेबाजी करते हुए जिला समाहरणालय के समक्ष आकर धरने पर बैठ गए। जिसकी अगुवाई कांग्रेस जिलाध्यक्ष कन्हैया सिंह, जदयू जिलाध्यक्ष अजय कुशवाहा एवं राजद जिलाध्यक्ष रामचंद्र ठाकुर ने संयुक्त रूप से की। धरने के दौरान सीपीआईएम के अब्दुल सत्तार, सीपीआईएमएलके नंदकिशोर पासवान, बिंदा चंद्रवंशी, संगीता सिंह, अलख निरंजन, धनंजय पटेल, राजेश सोनकर, धनजी चौधरी, उषा पटेल, रजनीश पटेल, विनोद कुशवाहा, विनोद पाल, मोद नारायण सिंह, बदरेकामिल अंसारी, संतोष शुक्ला, जमालुद्दीन सिद्दीकी, सुरेंद्र राम, डब्लू कुशवाहा, संदीप कुमार गिरी, मुस्तफा अहमद, राजीव रंजन सिंह, रामनाथ राम, शिवन्त कुशवाहा, अश्विनी यादव, लुकमान अहमद, अल्ताफ राजा, बेनी माधव सिंह, दीनानाथ सिंह, धनंजय मेहता, मनीष चौबे, ललित ठाकुर, चितरंजन दुबे, राम मंगल पांडे, अनिल कुमार यादव, बाबूराम सिंह, कैसर निहाल, मारकंडे चंद्रवंशी, जैनम कुरैशी, कामता यादव सहित काफी संख्या में कार्यकर्ता उपस्थित रहे।