श्री सदानंद सरस्वती के कर कमलों तक पहुंची औरंगाबाद के लेखक राकेश कुमार की चर्चित पुस्तक लोकराज के लोकनायक
विश्वनाथ आनंद ।
औरंगाबाद( बिहार)- औरंगाबाद के लेखक राकेश कुमार की चर्चित पुस्तक लोकराज के लोकनायक द्वारिका शारदा पीठाधीश्वर जगद् गुरु शंकराचार्य स्वामी श्री सदानंद सरस्वती के करकमलों में पहुँची.
जगद् गुरु शंकराचार्य श्री सदानंद सरस्वती ने पुस्तक को हस्तगत होते ही पढ़ना शुरू कर दिया. तकरीबन पंद्रह-बीस पन्ने पढ़ने के बाद शंकराचार्य श्री सदानंद सरस्वती ने लेखक को आशीर्वाद देने के लिए बुलाया. इस क्रम में जगद् गुरु ने पुस्तक के लेखन शैली और सरल-सहज प्रस्तुति की जमकर प्रशंसा की. साथ ही, लेखक के लेखन को यश-कीर्ति प्राप्ति का आशीर्वाद दिया और सतत लेखन करने की प्रेरणा लेखक राकेश कुमार को दिया.
जगद् गुरु शंकराचार्य स्वामी सदानंद सरस्वती ने लेखक राकेश के एक प्रश्न का उत्तर देते हुए ब्रह्म के एक मात्र सत्य होने तथा जगत के मिथ्या होने को प्रमाण के साथ तार्किक तरीके से श्रद्धालुओं को बताया.
“माया को अघटन घटना पटियसी क्यों कहा गया है?” राकेश कुमार द्वारा पूछे गये प्रश्न के उत्तर में जगद् गुरु शंकराचार्य ने बताया कि ब्रह्म की उपाधि माया है और जीव की उपाधि अविद्या है. माया से ब्रह्म जगत का निर्माण करता है क्योंकि सत्य से सत्य की ही उत्पति हो सकती है, जबकि जगत असत्य है, मिथ्या है और ब्रह्म सत्य है. वैसे में ब्रह्म की उपाधि माया जो असत् है, वह असत् जगत की रचना करती है. इसी घटना को अंजाम तक पहुँचाने के कारण माया को अघटन घटना पटियसी कहा गया है.
लेखक राकेश कुमार ने प्रसन्नता जाहिर करते हुए बताया कि द्वारिका शारदा पीठाधीश्वर अनंत श्री विभूषित जगद् गुरु शंकराचार्य स्वामी श्री सदानंद सरस्वती जी के कर कमलों में मेरी लिखित पुस्तक पहुँचना परम सौभाग्य की बात है. जगद् गुरु शंकराचार्य जी के मुखार्विन्द से पुस्तक की प्रशंसा में शब्द निकलना औरंगाबाद के लिए गौरव की बात है और मेरे लिए अहो भाग्य है.
लेखक ने हर्ष जाहिर करते हुए कहा कि भारत के सर्वोच्च आध्यात्मिक संत जगद् गुरु शंकराचार्य के द्वारा ‘राजनीति के संत जेपी की जीवनी’ का पढ़कर प्रशंसा करना अद्भूत, सुखद, अकल्पनीय और अविस्मरणीय पल था.जगद्गुरु के दर्शन और आशीर्वाद के लिए साध्वी माँ महंथ कैलाश गिरी भी पधारी थीं. गौरतलब है कि गाजियाबाद के साध्वी आश्रम से आयोध्या श्रीराम लल्ला के मंदिर के गर्भगृह में पूजन के लिए मोहित पाण्ड़ेय चुने गये है जो हाल के दिनों में संपूर्ण भारत में चर्चा का विषय बना हुआ है.