पराली प्रबंधन को लेकर विभाग सख्त, फसल अवशेष जलाने वाले 217 किसान सरकारी लाभ से हुए वंचित

दिवाकर तिवारी ।

रोहतास। खेतों में फसल अवशेष जलाने वाले किसानों के विरुद्ध अब जिला कृषि विभाग ने सख्ती बरतनी शुरू कर दी है। सैटेलाइट इमेज के माध्यम से जिले के विभिन्न प्रखंडों में आग वाले स्थलों को चिन्हित किया जा रहा है तथा भौतिक सत्यापन कर संबंधित किसानों के विरुद्ध कार्रवाई की जा रही है। इसी क्रम में जिला कृषि विभाग ने फसल अवशेष जलाने वाले जिले के कुल 217 किसानों का पंजीकरण रद्द कर सरकार से मिलने वाली विभिन्न योजनाओं के लाभ से वंचित कर दिया है। जबकि शिवसागर प्रखंड के चार किसानों पर सीआरपीसी की सुसंगत धाराओं के तहत कार्रवाई भी की गई है। बता दें कि कृषि विभाग द्वारा लगातार फसल अवशेष नहीं जलाने हेतु सभी पंचायत स्तर पर किसान चौपाल के माध्यम से प्रचार-प्रसार किया जा रहा है। जिससे किसानों को फसल अवशेष प्रबंधन के प्रति अधिक से अधिक जागरूक किया जा सके तथा फसल अवशेष जलाने से होने वाले नुकसान से बचा जा सके। लेकिन बावजूद इसके किसान खेतों में फसलों के अवशेष जलाने से बाज नहीं आ रहे। जिसको लेकर विभाग ने अब सख्ती बरतनी शुरू कर दी है। बता दें कि फसल अवशेष जलाने से मिट्टी में उपलब्ध सूक्ष्म जीवाणु, केंचुआ आदि मर जाते हैं जो मिट्टी की गुणवत्ता को बरकरार रखने में मदद करते हैं। वहीं खेतों में आग लगने से मिट्टी में उपलब्ध जैविक कार्बन भी नष्ट हो जाते हैं और वातावरण व स्वास्थ्य पर भी इसका प्रतिकूल प्रभाव पड़ता है। अगर फसल अवशेषों को खेतों की मिट्टी में ही मिलाकर नष्ट किया जाए तो इससे मिट्टी की संरचना में सुधार होगा और कार्बनिक पदार्थ की मात्रा भी बढ़ेगी। जिसके फलस्वरूप मिट्टी की उर्वरा शक्ति बढ़ने से फसल की पैदावार भी बढ़ेगी। इस संदर्भ में जानकारी देते हुए जिला सूचना एवं जनसंपर्क पदाधिकारी धर्मवीर सिंह ने बताया कि जिले के विभिन्न प्रखंडों में सैटेलाइट इमेज के माध्यम से उपलब्ध कराए गए विभिन्न स्थलों का विभाग के स्तर से जांच कराया गया तथा जॉचोपरान्त 217 किसानों के खेतों में फसल अवशेष जलाये जाने की पुष्टि की गई। सभी संबंधित किसानों का पंजीकरण रद्द कर उन्हें दिए जाने वाले सभी प्रकार के सरकारी लाभ से वंचित कर दिया गया है तथा शिवसागर प्रखंड के 04 कृषकों पर सीआरपीसी की सुसंगत धाराओं के तहत कार्यवाई भी की गई है। गौरतलब हो कि किसान अपने खेतों में अगली फसल बोने एवं अधिकतम उपज प्राप्त करने के उद्देश्य से फसल अवशेषों को खेतों में ही जला देते हैं। अगली फसल बोने के लिए खेत को खाली करने का किसानों के लिए सबसे सुविधाजनक एवं सस्ता तरीका अवशेषों को जलाना हीं है। लेकिन इसे लेकर अब सरकार गंभीर हो चुकी है तथा फसल अवशेष जलाना एक दंडनीय अपराध भी है।

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