गुणवत्तापूर्ण शिक्षा प्रदान करने के लिए अध्ययन-अध्यापन के तरीकों में बदलाव की आवश्यकता : रवीन्द्र कान्हरे

संतोष कुमार ।

(मुंगेर) विद्या भारती का उद्देश्य गुणवत्तापूर्ण शिक्षा प्रदान करना है। इसके लिए कक्षा में अध्ययन-अध्यापन के तरीकों में परिवर्तन करने की आवश्यकता है। सभी के सामूहिक प्रयास से यह कार्य प्रगति पर है। ये बातें सरस्वती विद्या मंदिर पुरानीगंज, मुंगेर में भारती शिक्षा समिति एवं शिशु शिक्षा प्रबंध समिति बिहार द्वारा आयोजित जिला केन्द्र के प्रधानाचार्य, समिति सदस्य, प्रांत विषय प्रमुख व सह प्रमुख की बैठक में उपस्थित कार्यकताओं को संबोधित करते हुए विद्या भारती के उपाध्यक्ष रवीन्द्र कान्हरे ने कही।
आगे उन्होंने कहा कि अंग्रेजी शिक्षा विद्या भारती के लिए एक सामाजिक चुनौती के रूप में है। छात्र अंग्रेजी में शुद्ध-शुद्ध लिख, पढ़, बोलऔर समझ सके इस कौशल को विकसित करने के लिए विद्या भारती के विद्यालयों में क्विज, स्पीच, डिबेट, शोध, पुस्तकों के लेखन, पीडीएफ के रूप में कंटेंट तैयार करने आदि से संबंधित कार्य चल रहे हैं। साथ हीं ई पाठशाला भी शुरू किया गया है जिसमें अलग-अलग विषयों पर कंटेंट विकसित कर उस पर डाला जा रहा है तथा शिक्षकों को प्रशिक्षित भी किया जा रहा है।

कार्यक्रम की शुरुआत विद्या भारती के उपाध्यक्ष रवीन्द्र कान्हरे, भारती शिक्षा समिति एवं शिशु शिक्षा प्रबंध समिति, बिहार के प्रदेश सचिव प्रदीप कुमार कुशवाहा एवं विद्यालय के प्रधानाचार्य संजय कुमार सिंह ने संयुक्त रूप से दीप प्रज्ज्वलित कर एवं सरस्वती वंदना के साथ शुरू हुई।पर्यावरण संरक्षण, संस्कृति बोध परियोजना, आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस, उच्च शिक्षा, शोध, योग, वैदिक गणित, विज्ञान, प्रचार-प्रसार,जनजातीय क्षेत्र की शिक्षा, बालिका शिक्षा, संस्कृत, संगीत शिक्षा, विद्वत परिषद, स्वदेशी जागरण, सेवा कार्य,ग्रामीण शिक्षा, कौशल विकास आदि विषयों में हो रहे कार्यों की विस्तृत समीक्षा की गई।
कार्यक्रम में मुख्य रूप से विद्या भारती के राष्ट्रीय मंत्री डॉ0 कमल किशोर सिन्हा, क्षेत्रीय संगठन मंत्री ख्याली राम, राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के प्रांत प्रचारक उमेश रंजन, सह प्रांत प्रचारक आशीष कुमार, भारती शिक्षा समिति एवं शिशु शिक्षा प्रबंध समिति, बिहार के प्रदेश सचिव प्रदीप कुमार कुशवाहा सहित प्रांतीय एवं विभागीय विषय प्रमुख एवं सह प्रमुख उपस्थित थे।

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